लखनऊ: राजकीय होम्योपैथिक अस्पतालों में तैनात मेडिकल अफसरों ने पीजी की पढ़ाई जारी रखने में आ रही अड़चनों को दूर करने की मांग की है. इस संबंध में डॉक्टरों की ओर से मुख्यमंत्री को सामूहिक पत्र भेजकर पीजी की बची पढ़ाई पूरी कराने में मदद की गुहार लगाई है.
लोक सेवा आयोग से सरकारी होम्योपैथिक अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती होती है. वर्ष 2018 में डॉक्टरों की भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ. परिणाम वर्ष 2020 में जारी हुई. इसमें ऐसे 43 होम्योपैथिक डॉक्टरों की भर्ती हुई, जो लखनऊ राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज, कोलकाता राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान एवं अन्य विश्वविद्यालयों से अलग-अलग विषयों में एमडी की पढ़ाई कर रहे थे.
बता दें कि एमडी की पढ़ाई तीन साल की होती है. ज्यादातर डॉक्टरों की पढ़ाई 25 माह से ज्यादा हो जाती थी. आयोग से चयन के बाद इन डॉक्टरों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया. अब पीजी करने के लिए ये डॉक्टर अधिकारियों के पास भटक रहे हैं. इनकी सुनवाई नहीं हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि होम्योपैथी में उच्च शिक्षा प्राप्त करने एक से दो साल का अवकाश चाहिए.
पीजी की पढ़ाई के लिए होम्योपैथिक डॉक्टरों को नहीं मिल रही छुट्टी
पीजी की पढ़ाई के लिए होम्योपैथिक डॉक्टरों को छुट्टी नहीं मिल रही (Homeopathic doctors not getting leave for PG studies) हैं. इसे लेकर मंगलवार को डॉक्टरों की ओर से मुख्यमंत्री को सामूहिक पत्र भेजा.
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नियमानुसार शैक्षिक गतिविधियों के लिए अवकाश का प्रावधान है. इसके बावजूद अधिकारी अवकाश स्वीकृत करने में हिचक रहे हैं. ऐसे में मरीजों को विशेषज्ञ इलाज मुहैया कराने की रणनीति पर ग्रहण लग सकता है. डॉक्टरों ने पीजी की पढ़ाई के लिए जल्द से जल्द अवकाश स्वीकृत करने की मांग की है. (Lucknow News in hindi)
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