लखनऊ : प्रदेश में एचआईवी के ज्यादा से ज्यादा मरीजों को चिंहित करने के लिए अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर भी एचआईवी जागरूकता गतिविधियां होंगी. यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाएटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ हीरा लाल ने बताया कि 'प्रदेश में करीब 23000 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हैं, जहां टीबी समेत अन्य बीमारियों के स्क्रीनिंग का काम हो रहा है. अब उन्हें एचआईवी जागरूकता के लिए भी तैयार किया जाएगा.' डॉ हीरा लाल ने गुरुवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित राज्यस्तरीय एचआईवी-टीबी समन्वय बैठक की समीक्षा के दौरान यह बात कही. बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ दीपा त्यागी और राज्य टीबी अफसर डॉ शैलेंद्र भटनागर के अलावा सभी सहयोगी संस्थाएं मौजूद रहीं.
अपर परियोजना निदेशक ने कहा कि 'प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं व अन्य जरूरी सामाग्री के स्टाक बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने इस बारे में समय से अपडेट करने का निर्देश दिया. उन्होंने जिला क्षय रोग अधिकारी व एचआईवी-टीबी कोआर्डिनेटर का प्रशिक्षण जल्द कराने के लिए रूपरेखा तैयार करने को कहा. मद्य निषेध विभाग व उनसे जुड़ी संस्थाओं को भी एड्स नियंत्रण कार्यक्रम से प्रभावी तरीके से जुड़ने का आह्वान किया.'
बैठक में डॉ दीपा त्यागी ने महत्वपूर्ण सुझाए दिए कि 'एचआईवी की स्क्रीनिंग का दायरा बढ़ाया जाए. इसके लिए गैरसंचारी रोग (एनसीडी) क्लीनिक, जिरियाट्रिक क्लीनिक, लैप्रोसी सेंटर, ड्रग डिएक्टिवेशन सेंटर व ईंट भट्ठों पर भी स्क्रीनिंग करवाई जाए. उन्होंने अर्श क्लीनिक काउंसलर और एचआईवी काउंसलर से आपसी समन्वय से स्कूलों में एचआईवी के प्रति जागरूकता लाने का सुझाव दिया. डीजी ने कहा कि नवोदय विद्यालयों, स्कूल-काॅलेज छात्रावासों में पोस्टर व वाद विवाद प्रतियोगिता के माध्यम से जागरूकता लाई जाए.'