लखनऊ: राजधानी में बिहार के मोस्टवांटेड अपराधी वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख की हत्या बिहार के माफिया एवं पूर्व सांसद शहाबुद्दीन गैंग ने की है. यही नहीं यह हत्या रेलवे के किसी ठेके को लेकर नहीं, बल्कि अपने लोगों से गद्दारी करने पर की है. ठाकुर ने अपने ही दोस्त की प्रेमिका और दुश्मन की बहन से शादी कर ली और अपनी मौत की स्क्रिप्ट लिखवा ली थी. लखनऊ के इस हत्याकांड में शहाबुद्दीन गैंग का नाम आने के बाद अब पुलिस भी घटना की इन्वेस्टिगेशन फूंक-फूंककर कर रही है. ईटीवी भारत आपको बताएगा वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की अय्यासी से लेकर उसकी हत्या तक की कहानी.
25 जून को लखनऊ के निलमथा इलाकें में दिनदहाड़े हुई रेलवे ठेकेदार की हत्या के मामलें में लखनऊ पुलिस को जांच में पता चला है कि दिव्यांग रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या शहाबुद्दीन गैंग के शूटर फिरदौस ने करवाई है. वीरेंद्र ठाकुर की दूसरी पत्नी खुसबुन तारा ने कैंट थाने में वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका, उसके पति बिट्टू जायसवाल और फिरदौस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने अब तक जो जांच की है उसके मुताबिक, वीरेंद्र की हत्या का नामजद आरोपी फिरदौस, अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन रखने वाला व बिहार में खौफ का दूसरा नाम रह चुका शहाबुद्दीन का सबसे खास शूटर रईस खान के लिए काम करता था. फिरदौस ने ही चार साथियों के साथ मिलकर लखनऊ की सुरक्षा के लिहाज से सबसे सेफ आर्मी एरिया में घुसकर वीरेंद्र ठाकुर पर गोलियां बरसाकर हत्या कर दी.
14 साल पहले मौत की लिखी गई थी स्क्रिप्ट
यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल में 500 करोड़ के रेलवे ठेकों पर राज कर रहे वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की मौत की स्क्रिप्ट लिखने की शुरुआत 14 साल पहले यानी 2008 में हुई थी. बिहार के नरकटियागंज जिले की रहने वाली प्रियंका एसएस शर्मा पब्लिक स्कूल में पढ़ रही थी और इसी दौरान स्कूल के रास्ते में पड़ने वाली पान की दुकान चलाने वाले बिट्टू जायसवाल को उसने दिल दे दिया. दोनों का प्यार परवान चढ़ा और अब दोनों किसी हाल में एक-दूसरे के साथ जीवन बिताना चाह रहे थे. बिट्टू की दुकान पर पूर्वी चंपारण व पश्चिमी चंपारण में दबदबा कायम कर चुके हिस्ट्रीशीटर गोरख ठाकुर उर्फ वीरेंद्र का आना-जाना लगा रहता था. लेकिन, बिहार पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते वो लखनऊ भाग आया और वीरेंद्र ठाकुर के नाम से रहने लगा. इसी दौरान बिट्टू भी प्रियंका को लेकर लखनऊ आ आया. बिट्टू ने गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर से पनाह मांगी.
चेले की बीवी को ठाकुर ने बनाई खुद की पत्नी
बिहार में पान की दुकान में गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर को पान में चूना लगाकर खिलाने वाले बिट्टू को क्या पता था कि जिससे वो पनाह ले रहा है, वहीं उसको चूना लगा देगा. गोरख ने बिट्टू और प्रियंका को पनाह तो दे दी. लेकिन, उसकी नजर प्रियंका पर पड़ गई थी. लिहाज उसने बिट्टू को अपने घर से भगा दिया और प्रियंका से जबरन शादी कर ली. गोरख का डर इस कदर था कि न ही बिट्टू को कुछ कर पाया और न ही प्रियंका बोल पाई. ऐसे में अब बिट्टू किसी भी हाल में वीरेंद्र ठाकुर से बदला लेना चाहता था.
चेले की बीवी के बाद गुर्गे की बहन से की दिल्लगी
वीरेंद्र ठाकुर की हत्या की एफआईआर में प्रियंका व बिट्टू के अलावा फिरदौस को नामजद किया गया है. प्रियंका, बिट्टू की शुरुआत की कहानी तो समझ में आ गई. अब इस तीसरे किरदार फिरदौस की भी कहानी दिलचस्प है. वीरेंद्र की हत्या के प्रयास के मुख्य आरोपी फिरदौस ने बिहार के बेतिया जिले में 2015 में बालू खनन का ठेका पाने के लिए ठेकेदार रईस खान के कहने पर एक ठेकेदार को गोली मार दी थी.
बिहार की पुलिस अब फिरदौस के पीछे पड़ गई तो वो लखनऊ में पढ़ाई कर रही अपनी चचेरी बहन खुशबुन तारा के पास छिपने आया. लेकिन, वहां वो खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा था. लिहाजा, उसने गोरख ठाकुर जो लखनऊ में अब वीरेंद्र ठाकुर बन चुका था, उसकी पनाह में आ गया. फिरदौस कभी-कभी अपनी बहन खुसबुन तारा के पास जाता था तो गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर भी साथ चला जाता था. धीरे-धीरे फिरदौस से ज्यादा गोरख उसके घर जाने लगा था. यही नहीं उसने अपने रुतबे के दम पर खुशबुन को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया.