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पर्यटकों के लिए अभी नहीं खुली नवाबों की नगरी की ऐतिहासिक इमारतें - शाही हम्माम और भूलभुलैया

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मौजूद ऐतिहासिक इमारतों को देखने के लिए पर्यटकों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा. 21 सितंबर से तमाम पर्यटन स्थलों को खोले जाने की अनुमति के बाद भी नवाबों की नगरी की धरोहरों को पर्यटकों के लिए नहीं खोला गया.

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पर्यटकों के लिए अभी नहीं खुली नवाबों की नगरी की ऐतिहासिक इमारतें.

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Published : Sep 21, 2020, 6:01 PM IST

लखनऊ:अनलॉक-4 के तहत तमाम पर्यटन स्थलों को 21 सितंबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया. मोहब्बत की निशानी ताजमहल सहित तमाम ऐतिहासिक इमारतों के दीदार के लिए लोग कोविड के प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए पहुंच रहे हैं, लेकिन नवाबों की नगरी में मौजूद पर्यटन स्थलों में घूमने के लिए लोगों को अभी और इंतजार करना होगा. लखनऊ के बड़ा इमामबाड़ा और छोटा इमामबाड़ा समेत ऐतिहासिक इमारतों को सोमवार को भी पर्यटकों के लिए नहीं खोला जा सका.

जानकारी देते संवाददाता.

21 सितंबर से तमाम पर्यटन स्थलों को खोले जाने की अनुमति के बाद भी नवाबों की नगरी लखनऊ की धरोहरों को नहीं खोला गया. नवाबों के दौर में राजधानी लखनऊ में बने बड़ा इमामबाड़ा और छोटा इमामबाड़ा से लेकर पिक्चर गैलरी, शाही हम्माम और भूलभुलैया जैसी कई जगहों की सैर करने देश-विदेश से सैलानी आते हैं, लेकिन कोरोना काल में 6 महीनों से बंद पड़ी इन सैर सपाटे की जगहों को अब तक नहीं खोला गया है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि मीटिंग कर जल्द ही इन इमारतों को खोलने का निर्णय लिया जाएगा.

बड़ा इमामबाड़ा.

इमारतों को पर्यटकों के लिए खोलने से पहले सैनिटाइजेशन और साफ-सफाई से पहले रंग-रोगन का काम पूरा कर लिया गया है. बड़ा इमामबाड़ा में कोरोना काल से पहले हर रोज सैकड़ों सैलानियों का तांता लगा रहता था, लेकिन पिछले 6 महीने में यहां सिर्फ टिकट न बिकने से करोड़ों का नुकसान हुआ है.

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इमामबाड़ा में काम करने वाले गाइडों की आमदनी पर भी कोरोना के चलते ताला लगा गया, जिससे उनके घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई. हालांकि ट्रस्ट उन्हें मासिक वेतन देता रहा, जिससे बमुश्किल उनका गुजारा हो सका. अब यहां काम करने वाले लोगों को इंतजार है तो इन ऐतिहासिक इमारतों के वापस खुलने का, जिससे सैलानियों से एक बार फिर से यह धरोहर गुलजार हो सके.

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