लखनऊ:देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार है. यह दीपावली के 15 दिन बाद मनाया जाता है. इसे मुख्य रूप से विश्व के सबसे प्राचीन शहर काशी में मनाया जाता है, जो यहां की संस्कृति और परंपरा है. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ के ऐतिहासिक टिकैत राय तालाब को भी दीयों से सजाया गया. प्रत्येक वर्ष इस तालाब में देव दीपावली के दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते थे, लेकिन, कोविड-19 के चलते इस बार देव दीपावली बहुत सादगी से मनाई गई. इस दौरान पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश श्रीवास्तव, विजय शुक्ला और मयंक बाजपेई समेत तमाम स्थानीय लोगों ने दीयों को जलाया.
देव दीपावली: दीयों से जगमगाया लखनऊ का ऐतिहासिक टिकैत राय तालाब
देव दीपावली के मौके पर राजधानी लखनऊ के ऐतिहासिक टिकैत राय तालाब को दीयों से सजाया गया. कई वर्षों से यहां प्रतीकात्मक रूप में देव दीपावली मनाई जाती है. इस मौके पर भाजपा विधायक सुरेश श्रीवास्तव भी मौजूद रहे.
आज केही दिन त्रिपुरा राक्षस का हुआ था वध
कार्यक्रम के दौरान पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश श्रीवास्तव ने कहा कि आज कार्तिक मास की पूर्णिमा है. इसीदिन देव दीपावली मनाई जाती है. उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से देव दीपावली काशी में मनाई जाती है. धार्मिक ग्रंथों में प्रसंग है कि त्रिपुरा नाम का राक्षस था. इस राक्षस का तीनों लोकों में बड़ा आतंक था. देवता भी इससे परेशान रहते थे. देवताओं ने शंकर जी से प्रार्थना की कि हमें इससे मुक्ति दिलाएं. इस पर शंकर जी ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन त्रिपुरा का वध किया था, जिसके बाद वे त्रिपुरारी कहलाए.
नहीं हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम
विधायक सुरेश श्रीवास्तव ने बताया कि आज के दिन त्रिपुरा का वध हुआ था. इसलिए देवता आज के दिन दीपावली मनाते हैं. उन्होंने बताया कि कई वर्षों से ऐतिहासिक टिकैत राय तालाब में प्रतीकात्मक रूप में देव दीपावली मनाई जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते यहां किसी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया.