लखनऊ : हिंदू मुस्लिम के विषय में मीडिया में होने वाले टकराव को देखते हुए और इससे होने वाली किरकिरी को लेकर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों ने अब किनारा करना शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी ने तो अधिकृत तौर पर हिंदू मुस्लिम के विषय पर कोई भी प्रवक्ता इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की डिबेट में भेजने से इनकार कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी बहुत गंभीर मुद्दा ना होने की दशा में हिंदू मुस्लिम के विषय पर बात नहीं कर रही है. भाजपा के प्रवक्ताओं को भी या स्पष्ट संकेत है कि वे ऐसे मुद्दे जिससे समाज में टकराव बड़े उस पर अपनी टिप्पणी ना करें. दोनों राजनीतिक दलों के इस स्टैंड से निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश में टीवी डिबेट में अब वास्तविक मुद्दों पर ही बहस होती हुई नजर आएगी.
समाजवादी पार्टी का तो स्पष्ट कहना है कि भारतीय जनता पार्टी को हिंदू-मुस्लिम विषय पर डिबेट करना पसंद है, मगर हम केवल जनता से जुड़े मुद्दों पर ही बात करेंगे. हिंदू मुस्लिम के विवादों पर होने वाली डिबेट से समय-समय पर काफी सामाजिक विद्वेष बढ़ चुका है. ऐसी ही एक डिबेट में हिंदू महासभा के नेता रहे कमलेश तिवारी ने विवादित टिप्पणी की थी. उसी टिप्पणी की वजह से उनकी हत्या हुई थी. ऐसी ही एक विवादित टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने भी की थी. इसके समर्थन को लेकर राजस्थान में एक दर्जी की गला काटकर हत्या कर दी गई थी. तभी से भारतीय जनता पार्टी ऐसे मुद्दों पर उत्तर प्रदेश में अपने प्रवक्ताओं को बोलने की छूट नहीं दे रही है. हाल ही में तो इस मुद्दे पर प्रभाव को संगठन की ओर से सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह बिल्कुल भी ना बोलें. अगर बोलना भी है तो उसके लिए कुछ खास प्रवक्ता तय किए जाते हैं. उन्हीं को ही बोलने की छूट मिलती है.