लखनऊ: हिन्दी के विविध आयाम हैं. हिन्दी गद्य के विस्तार के साथ हिन्दी भाषा की व्यापकता बढ़ती गई. पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से हिन्दी बिन्दु से परिधि की ओर अग्रसर हो रही है. हिन्दी की बढ़ती लोकप्रियता लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. विश्वस्तर पर भारतीयों के द्वारा हिन्दी को आगे बढ़ाने में प्रयास किया जा रहा है. हिन्दी को आगे ले जाने में अनुवाद व तकनीकी माध्यमों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी हैं. यह बात साहित्यकार डॉ. योगेंद्र प्रताप सिंह (Litterateur Dr Yogendra Pratap Singh) ने कही.
वह उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान में हिन्दी दिवस समारोह (Hindi Diwas Celebration in Lucknow) पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी में बोल रहे थे. इस अवसर पर विजयदत्त श्रीधर, डॉ मंगला अनुजा, संस्थान निदेशक आरपी सिंह मौजूद थे. संस्थान की प्रधान संपादक डॉ. अमिता दुबे के संचालन में हुई संगोष्ठी की शुरुआत सर्वजीत सिंह मारवा ने वाणी वंदना से की.