लखनऊ : "उच्च शिक्षा के संस्थानों में परीक्षा के समय पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर संदिग्ध केंद्रों पर ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी. परीक्षा के दौरान किसी भी अनियमितता पर संबंधित अधिकारी या शिक्षक की जवाबदेही भी तय होगी." यह जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने विभागीय बैठक के दौरान दी.
उन्होंने कहा कि "विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेज तकनीक के प्रयोग को आगे बढ़ाएं. प्रमाण पत्रों के संरक्षण के लिए डीजी लॉकर के इस्तेमाल के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करें. विश्वविद्यालय नकल विहीन परीक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ जिले या विश्वविद्यालय स्तर पर कंट्रोल रूम बनाकर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से परीक्षा केंद्रों की प्रभावी निगरानी करें."
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि "21 जनवरी को रन फार जी-20 दौड़ आगरा, वाराणसी, लखनऊ और ग्रेटर नोयडा में आयोजित की जाएगी. इसमें बड़ी मात्रा में काॅलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों की भागीदारी होगी. इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर जी-20 लोगो के साथ थीम का प्रचार-प्रसार किया जाए." उन्होंने कहा कि "सभी विश्वविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय की तरह नैक मूल्यांकन में अच्छी रेटिंग प्राप्त करने के लिए प्रयास करें." उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि "विभाग में समूह-ग के पदों को भरने के लिए जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करें. साथ ही कर्मचारियों के पदोन्नति की प्रक्रिया को जल्दी पूरा किया जाए. सभी विश्वविद्यालय नियमानुसार अपने यहां रिक्त शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों को भरने की कार्यवाही शीघ्रता से करें तथा लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी जल्द पूरी करें." उन्होंने कहा कि "प्रदेश में निमार्णाधीन महाविद्यालयों के कार्यों में तेजी लाई जाए." बैठक में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि "नई शिक्षा नीति-2020 को प्रोत्साहित करने के लिए महाविद्यालयों को जागरूक किया जाए."
बैठक में उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा परिषद मुकुल चतुर्वेदी, अनुराग शर्मा, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा सुधीर एम बोबडे़, विशेष सचिव उच्च शिक्षा अखिलेश मिश्रा, निदेशक उच्च शिक्षा अमित भारद्वाज सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, वित्त नियंत्रक तथा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी मौजूद रहे.
यह भी पढ़ें : SP Baghel in Lucknow : एसपी बघेल बोले, देश कबीला संस्कृति पर नहीं चलेगा