लखनऊः राजधानी में शुक्रवार को प्रभारी अधिकारी कोविड डॉ. रोशन जैकब ने बलरामपुर अस्पताल एवं कैसर इंस्टिट्यूट का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने पाया कि बलरामपुर अस्पताल में हाई फ्लो ऑक्सीजन वार्ड का उपयोग नहीं हो रहा था. अस्पताल को दिए गए 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का भी पता नहीं चला. प्रभारी अधिकारी ने टीम भेजकर जांच कराने के निर्देश दिए
बूथ बनाकर हो रहा है वैक्सीनेशन
प्रभारी अधिकारी ने सबसे पहले बलरामपुर स्थित कोविड वैक्सीनेशन सेन्टर का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान निदेशक ने बताया कि 18 साल से अधिक उम्र के एवं 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन अलग-अलग बूथ बनाकर किया जा रहा है. वैक्सीन की उपलब्धता के सम्बन्ध में निदेशक ने बताया कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है.
हाईफ्लो ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीज को लो फ्लो ऑक्सीजन
प्रभारी अधिकारी ने कोविड आईसीयू वार्ड में पहुंच कर भर्ती रोगियों से बातचीत की. उनसे उपलब्ध कराये जा रहे उपचार के सम्बन्ध में फीडबैक लिया गया. निरीक्षण में संज्ञान में आया कि हाईफ्लो आक्सीजन वार्ड का उपयोग सही तरह से नहीं किया जा रहा है. कुछ रोगियों को जिनको हाईफ्लो ऑक्सीजन की आवश्यकता है उनका उपचार भी नॉर्मल फ्लो पर होता पाया गया. जिसके सम्बन्ध में पूछने पर निदेशक बलरामपुर अस्पताल ने बताया गया कि ऑक्सीजन पाइप लाइन सही नहीं है. जिसके कारण वार्ड में ऑक्सीजन का फ्लो कम है. प्रभारी अधिकारी ने इस पर नाराजगी व्यक्त की और निर्देश दिया कि तत्काल ऑक्सीजन पाइप लाइन को सही कराया जाए और तब तक हाईफ्लो ऑक्सीजन वार्ड को सक्रिय करके रोगी को वार्ड में शिफ्ट कराया जाए.