लखनऊःहाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा आरोप पत्र पर रोक का आदेश दिए जाने के बावजूद अभियुक्तों को हाईकोर्ट के ही गेट से उठा ले जाने के मामले में न्यायालय ने डीसीपी उत्तरी एसएम कासिम व पूर्वी प्राची सिंह तथा एसएचओ गुडम्बा कुलदीप सिंह समेत गिरफ़्तारी में शामिल पूरी पुलिस टीम को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. इसके पूर्व न्यायालय ने पुलिस के इस कृत्य पर खासी नाराजगी जताई थी. न्यायालय ने इस कृत्य को अनुचित करार देते हुए कहा है कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने सुरेश कुमार तंवर व बलबीर सिंह की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया. न्यायालय के आदेश के अनुपालन में डीसीपी उत्तरी दो एसएम कासिम व पूर्वी प्राची सिंह तथा एसएचओ गुडम्बा कुलदीप सिंह, एसआई गाजीपुर नितिन कुमार, गाजीपुर थाने के हेड कांस्टेबिल मनुज कुमार व दुर्गेश बाजपेई और इसी थाने के कांस्टेबल दलवीर सिंह सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए.
सुनवाई के दौरान न्यायालय के पूछने पर एसएचओ गुडम्बा ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने याचियों को गिरफ्तार करने का आदेश नहीं दिया था. इस पर न्यायालय ने एसआई नितिन कुमार से पूछा तो उसका कहना था कि गिरफ्तार करने की ‘हुकुम तहरीरी’ एसएचओ गुडम्बा की ही थी. न्यायालय ने डीसीपी उत्तरी से भी पूछा कि बिजनेस ट्रांजेक्शन में हुए विवाद के कारण लिखाए गए एफआईआर के आधार पर याचियों के विरुद्ध गैंगस्टर कैसे लगा दिया. इस पर डीसीपी उत्तरी का कहना था कि उनके पहले के अधिकारी ने यह कार्रवाई की थी. पुलिस वालों की सफाई सुनने के बाद न्यायालय ने उन्हें व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया.