लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अमर शहीद पथ से चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के बीच प्रस्तावित एलिवेटेड फ्लाई ओवर के निर्माण में 130 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी जमीन की अनुपलब्धता के कारण निर्माण में देरी के मामले में राज्य सरकार के आला अधिकारियों को 10 अगस्त के लिए तलब किया है. न्यायालय ने मुख्य सचिव अथवा उनके द्वारा अधिकृत सचिव स्तर के अधिकारी, जिलाधिकारी, एलडीए वीसी, नगर आयुक्त और यूपी स्टेट ब्रिज कॉर्पेारेशन के एमडी को अगली सुनवाई पर उपस्थित रहने को कहा है.
शहीद पथ-एयरपोर्ट फ्लाई ओवर निर्माण मामले में सरकार के आला अधिकारी तलब - lucknow high court summoned the top executives
अमर शहीद पथ से चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के बीच प्रस्तावित एलिवेटेड फ्लाई ओवर के निर्माण में देरी के मामले में राज्य सरकार के आला अधिकारियों को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 10 अगस्त को तलब किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने सुनील कुमार सिंह की जनहित याचिका पर पारित किया है.
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यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने सुनील कुमार सिंह की जनहित याचिका पर पारित किया. मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने हैरानी जताते हुए कहा कि उक्त प्रोजेक्ट के लिए अब तक जमीन हासिल नहीं हो पाई, जबकि प्रोजेक्ट पर एक सौ तीस करोड़ रुपये खर्च भी किए जा चुके हैं. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि प्रोजेक्ट के रास्ते में आने वाले 14 प्लॉट एलडीए ने बेंच दिए हैं. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह भी पाया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह भी चर्चा हुई थी कि जब तक उक्त प्लॉटों के मालिकों को कोई और प्लॉट नहीं आवंटित किए जाते तब तक प्रोजेक्ट का पूरा हो पाना सम्भव नहीं है.
याचिका में न्यायालय से फ्लाई ओवर का निर्माण शीघ्र पूरा करने का आदेश देने की मांग की गई है. साथ ही पीडब्ल्यूडी को जमीन का कब्जा दिए बिना ही प्रोजेक्ट प्रारम्भ कर दिए जाने की भी जांच की मांग की गई है. याची ने प्रोजेक्ट की कीमत तीन-तीन बार बढ़ाए जाने के जांच की भी मांग की है. याची का आरोप है कि बिना जमीन लिए ही प्रोजेक्ट प्रारम्भ कर लगभग एक सौ तीस करेाड़ रूपया खर्च कर दिया गया, जबकि अब जमीन के अभाव में प्रोजेक्ट फंस गया है.