लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में स्पीड ब्रेकरों की दशा सुधारने व उन्हें इंगित करने वाले साइनबोर्ड लगाने के सम्बंध में सुध ली है. पीठ ने राज्य सरकार द्वारा दो वर्ष पूर्व दिए आश्वासन का हवाला देते हुए, सख्त लहजे में स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है. अदालत ने सरकार और नगर निगम लखनऊ को हलफनामा दाखिल कर, राजधानी समेत प्रदेश भर में स्पीड ब्रेकरों को सुधारने की दिशा में किए गए प्रयासों पर जवाब तलब किया है.
अब्दुल्लाह रमजी खान की जनहित याचिका पर आदेश
न्यायालय ने आदेश दिया है कि हलफनामा में ये भी बताया जाए कि स्पीड ब्रेकरों को स्पष्ट दिखाई देने योग्य, नियमों के अनुरूप उनकी पेंटिंग और इन्हें इंगित करने के लिए साइन बोर्ड लगाने के काम की फिलहाल क्या स्थिति है. यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने अब्दुल्लाह रमजी खान की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया. याची का कहना है कि लखनऊ शहर के सभी स्पीड ब्रेकरों की तत्काल मार्किंग के आदेश सरकार को दिए जाएं. इसके साथ ही स्कूल, कॉलेजों, अस्पतालों और दुर्घटना बाहुल्य इलाकों में चिन्ह और विजिबल स्पीड ब्रेकर बनवाए जाएं.