लखनऊ:सुप्रीम कोर्ट के सामने दुराचार पीड़िता व उसके गवाह द्वारा आत्मदाह करने के मामले में अभियुक्त बनाए गए पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अपने खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर सीजेएम द्वारा संज्ञान लिए जाने को चुनौती दी है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल कर उन्होंने सीजेएम द्वारा संज्ञान लिए जाने को विधि विरुद्ध बताया है. न्यायालय ने इस याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता को निर्देश प्राप्त करने का आदेश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता की एकल पीठ ने अमिताभ ठाकुर की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है. याचिका में कहा गया है कि याची के विरुद्ध पुलिस द्वारा दाखिल आरोप पत्र अन्य धाराओं के साथ-साथ आईपीसी की धारा 167 व 218 में भी दाखिल किया गया है. दलील दी गई है कि इन दोनों धाराओं के अंतर्गत उल्लिखित अपराध लोक सेवक द्वारा अपने सरकारी काम के दौरान ही किया जाना संभव है लिहाजा इन धाराओं के तहत अभियोजन चलाने के लिए राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति लिया जाना अनिवार्य है.