लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने शहर में डेंगू के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए, नगर निगम से पूछा है कि उसने डेंगू के प्रकोप को नियंत्रित करने व उसके प्रभाव को रोकने के लिए क्या कदम उठाए. न्यायालय ने इस सम्बंध में जवाब देने के लिए 48 घंटे का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी.
शहर में डेंगू को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए, हाईकोर्ट ने नगर निगम से 48 घंटे में मांगा जवाब - नगर निगम
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने शहर में डेंगू के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए, नगर निगम से पूछा है कि उसने डेंगू के प्रकोप को नियंत्रित करने व उसके प्रभाव को रोकने के लिए क्या कदम उठाए. न्यायालय ने इस सम्बंध में जवाब देने के लिए 48 घंटे का समय दिया है.
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यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने आशीष मिश्रा की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया. बुधवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा गया कि शहर में डेंगू का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन अफसरों के कान पर जूं नहीं रेंग रही है. सुनवाई करते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार से सरकारी अस्पतालों में मेडिकल सुविधाओं के सम्बंध में भी रिपोर्ट तलब की है. न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि मरीजों को प्लाज्मा की उपलब्धता के बारे में क्या स्थिति है. न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी आवश्यकताएं अधिकारियों को मुहैया कराई जाएं. न्यायालय ने याची की इस बात पर भी संज्ञान लिया कि सरकारी अस्पतालों में मेडिकल सुविधाओं की कमी है. न्यायालय ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा एक स्टोर में एक्सपायरी दवाओं के मिलने पर भी संज्ञान लिया है. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि अगली सुनवाई पर उसे अवगत कराया जाए कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आईटी सल्यूशंस का प्रयोग दवाओं की खरीद व उपयेाग में क्यों नहीं किया जा रहा है.
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