लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक जमानत याचिका पर पारित अपने आदेश में कहा है कि प्रत्येक नागरिक का यह आवश्यक कर्तव्य है कि वह देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व सभी संवैधानिक व्यक्तियों का सम्मान करें. न्यायालय ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री या संवैधानिक पद पर बैठे हुए किसी भी व्यक्ति को किसी वर्ग या धर्म तक सीमित नहीं किया जा सकता है. क्योंकि वे देश के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करते हैं.
न्यायमूर्ति मोहम्मद फैज आलम खान की एकल पीठ ने यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमर्यादित सम्पादित फोटो, व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर करने के अभियुक्त मोहम्मद आफाक कुरैशी की जमानत याचिका को मंजूर करते हुए की. अमीनाबाद थाने में दर्ज एफआईआर में अभियुक्त पर आरोप लगाया गया है कि उसने स्थानीय थाने के धानाध्यक्ष द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में उक्त अमर्यादित तस्वीर भेजी थी. जमानत याचिका में अभियुक्त की ओर से न्यायालय में बिना शर्त माफी मांगी गई थी और दलील दी गई कि वह साल का बुजूर्ग व्यक्ति है. जो न तो अधिक पढा-लिखा है और न ही इस प्रकार का फोटो सम्पादन करने में समर्थ है.