लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने विशेष जज, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, लखनऊ द्वारा 9 नवंबर 2022 को पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार (Former SP Manilal Patidar) को पुलिस रिमांड में न देने के आदेश को गलत करार दिया है. हालांकि न्यायालय ने कहा है कि अभियुक्त के पहले न्यायिक हिरासत के 15 दिन बीत चुके हैं. लिहाजा अब उसे पुलिस कस्टडी में पूछताछ के लिए नहीं दिया जा सकता है. हालांकि ने राज्य सरकार को यह छूट दी है कि वह चाहे तो अन्य कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकती है.
यह आदेश न्यायमूर्ति बृजराज सिंह (Justice Brijraj Singh) की एकल पीठ ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका (filing revision petition) को निस्तारित करते हुए पारित किया है. सरकार ने विशेष अदालत के 9 नवंबर के आदेश को उक्त याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी. सरकार के अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने दलील दी कि विषेश अदालत ने यह कहकर पुलिस रिमांड देने से इनकार किया था कि जांच एजेंसी ने रिमांड अर्जी (remand application) में यह नहीं लिखा कि उसे पाटीदार की कितने दिन की पुलिस रिमांड चाहिए. जबकि अर्जी में स्पष्ट तौर पर आठ दिनों की पुलिस रिमांड की मांग की गई थी.