लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए 301 फार्मेसी कॉलेजों को प्रदान किया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) निरस्त करने सम्बंधी आदेश खारिज कर दिया है. न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि निःसंदेह मशरूम की तरह उगते जा रहे फार्मेसी कॉलेजों पर नियंत्रण जरूरी है, लेकिन ऐसा कानून सम्मत तरीके से किया जा सकता है, न कि जिस तरह से राज्य सरकार ने इस मामले में किया है.
यह निर्णय न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की एकल पीठ ने कामेट ऑफ मैनेजमेंट जय प्रकाश चैरिटेबल ट्रस्ट समेत 301 फार्मेसी कॉलेजों व उनको चलाने वाले ट्रस्टों की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया. याचियों की ओर से कहा गया कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने बी. फार्मा और डी. फार्मा कोर्स के लिए नए संस्थान स्थापित करने हेतु 3 जुलाई 2022 से 15 जुलाई 2022 के बीच आवेदन आमंत्रित किए थे. आवेदन के लिए राज्य सरकार से जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र आवश्यक था. सचिव, बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन ने 14 जुलाई 2022 को आदेश जारी करते हुए कहा कि समयाभाव के कारण उक्त आवेदन के लिए इच्छुक संस्थान स्व-घोषणात्मक शपथ पत्र दाखिल कर एनओसी प्राप्त कर सकते हैं. शपथ पत्र दाखिल करने के पश्चात याची संस्थानों को एनओसी जारी कर दी गई.