लखनऊ:पशुपालन घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व आईपीएस अधिकारी और पूर्व डीआईजी अरविंद सेन यादव को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पत्नी की तेरहवीं में शामिल होने की इजाजत दी है. न्यायालय ने आईपीएस अधिकारी को अयोध्या के मिल्कीपुर स्थित उनके गांव में आयोजित तेरहवीं में पुलिस अभिरक्षा में ले जाने का निर्देश दिया है.
पशुपालन घोटाला मामला: पूर्व IPS अरविंद सेन यादव पत्नी के तेरहवीं में होंगे शामिल, हाईकोर्ट ने दी इजाजत - लखनऊ समाचार
पशुपालन घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन यादव को पत्नी के तेरहवीं में शामिल होने के लिए इजाजत मिल गई है. हाईकोर्ट ने अरविंद सेन यादव को 20 मई को नौ घंटे के लिए पुलिस अभिरक्षा में तेरहवीं में ले जाने का निर्देश दिया है.
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यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल सदस्यीय पीठ ने अरविंद सेन यादव की याचिका पर दिया. याची ने पत्नी की मृत्यु का हवाला देते हुए दो महीने के शॉर्ट टर्म बेल की मांग की थी. हालांकि न्यायालय ने इतने समय के लिए शॉर्ट टर्म बेल देना उचित नहीं माना. न्यायालय ने 20 मई को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक पुलिस अभिरक्षा में घर जाने की इजाजत दी है. उल्लेखनीय है कि अरविंद सेन यादव की पत्नी प्रियंका सेन का निधन विगत दिनों कोरोना संक्रमण की वजह से हो गया था. वह अयोध्या जनपद के हैरिंग्टनगंज तृतीय से जिला पंचायत सदस्य की उम्मीदवार भी थीं.
क्या है पशुपालन घोटाला मामला
13 जून, 2020 को पशुपालन घोटाला मामले की एफआईआर इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिन्कू ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी. इस मामले में मोंटी गुर्जर, आशीष राय और उमेश मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 419, 471, 120बी, 406, 420, 467 व 468 के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत नामजद किया गया था. विवेचना में पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन का नाम भी प्रकाश में आया. अभियुक्तों पर कुटरचित दस्तोवजों व छद्म नाम से गेहूं, आटा, शक्कर व दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर नौ करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपए की ठगी करने का आरोप है.