लखनऊ :हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बालगृहों के बच्चों के हितों से संबंधित एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा है कि ये बालगृह सरकार और समाज का भार साझा कर रहे हैं. न्यायालय ने कहा कि बिजली बिल के बकाए के संबंध में इन्हें यथोचित राहत देने पर विचार किया जाना चाहिए.
यह टिप्पणी न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ ने अनूप गुप्ता शीर्षक से दर्ज एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी. न्यायालय ने राज्य सरकार के उस जवाब को पूरी तरह खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि बालगृहों को बिजली बिल के टैरिफ में पहले से राहत देते हुए उन पर घरेलू दर ही लागू किया जाता है. न्यायालय ने कहा कि बालगृहों से शुरूआत में व्यवसायिक दर पर ही लिया जा रहा था लेकिन इस न्यायालय के आदेश के बाद घरेलू दर लागू की गई.