लखनऊ:हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है. न्यायालय राजधानी के कई गर्ल्स कॉलेजों में अलग-अलग पदों पर हुई नियुक्तियों को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने पाया कि इस मामले में राज्य सरकार ने पहले से ही संज्ञान लिया हुआ है व जांच का भी आदेश दिया है. न्यायालय ने कहा कि ऐसी स्थिति में हमारे हस्तक्षेप की फिलहाल कोई आवश्यकता नहीं है.
गर्ल्स कॉलेजों में हुई नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने गर्ल्स कॉलेजों में हुई नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मोतीलाल यादव की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया. याचिका में कहा गया था कि पिछले दिनों शहर के कुछ गर्ल्स कॉलेजों में एलटी ग्रेड टीचर्स, सहायक अध्यापक, क्लर्क और चपरासी के 89 पदों पर भर्तियां की गईं. दलील दी गई कि ये सभी पद तीन माह से अधिक समय से रिक्त चल रहे थे.
याची का कहना था कि 25 मार्च 2012 के शासनादेश के मुताबिक तीन माह से अधिक समय से रिक्त चल रहे पदों पर भर्ती सिर्फ निदेशक, माध्यमिक शिक्षा का अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही हो सकती है. इन भर्तियों में अनुमोदन नहीं लिया गया था. याचिका में भर्तियों को रद्द करने का आदेश देने के साथ-साथ इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग की गई थी. हालांकि सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि सरकार पहले से इस मामले को संज्ञान में ले चुकी है व कार्रवाई भी कर रही है.
इसे भी पढ़ें-बुलेट और दूसरे वाहनों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर हाईकोर्ट सख्त, मांगा जवाब