लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नोएडा के तीनों प्राधिकरणों (नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण) के कथित घोटाले के मामले में कैग (नियंत्रक व महालेखा परीक्षक) को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने कथित घोटाले की जांच की मांग पर 16 अगस्त से सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का भी आदेश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने अभिषेक त्रिपाठी की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया. याचिका में उक्त प्राधिकरणों की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया गया है कि कथित घोटाला लगभग 30 हजार करोड़ रुपये का है, जो नियमों का उल्लंघन कर खरीद-फरोख्त के द्वारा अंजाम दिया गया.
याचिका में कहा गया है कि इस संबंध में कैग द्वारा तैयार की गई ऑडिट रिपोर्ट को भी सार्वजनिक नहीं किया गया है. याची के अनुसार कैग ने वर्ष 2018 में ही रिपोर्ट तैयार करने के बाद तीनों प्राधिकरणों से इस पर टिप्पणी मांगी थी, लेकिन अब तक टिप्पणी नहीं भेजी गई. टिप्पणी न आने के कारण अब तक कैग ने भी रिपोर्ट फाइनल नहीं की है और न ही इसे राज्यपाल के समक्ष रखा गया है. याची की ओर से दलील दी गई कि इन प्राधिकरणों में सरकारी धन लगा हुआ है, लिहाजा कैग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए. याचिका में मामले की जांच विशेष जांच एजेंसी अथवा सीबीआई से कराने की भी मांग की गई है.
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याचिका पर सुनवाई के उपरांत न्यायालय ने कैग को मामले में प्रतिवादी बनाने के आदेश दिए. साथ ही एक सप्ताह में उसे नोटिस भेजने का भी निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि इसी मामले पर सुनवाई करते हुए 24 जून को भी न्यायालय ने राज्य सरकार व तीनों प्राधिकरणों से जवाब मांगा था.