लखनऊ :हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अधिवक्ता को जेल में किसी बंदी से मुलाकात के लिए आरटीपीसीआर(RTPCR) रिपोर्ट की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने इसी याचिका में यह निर्देश दिया है, कि सुनने व बोलने में असमर्थ बंदियों से संवाद की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यथोचित निर्णय लिया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की खंडपीठ ने आशमा इज्जत की याचिका पर दिया.
याचिका में 13 अगस्त 2021 के नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए कहा गया कि, बंदियों से मुलाकात करने वाले वकीलों के लिए उक्त नोटिफिकेशन के द्वारा आरटीपीसीआर रिपोर्ट को अनिवार्य कर दिया गया है. याचिका में कहा गया था, कि यह न सिर्फ बंदियों के कानूनी सलाह प्राप्त करने के मौलिक अधिकार का हनन है बल्कि वकीलों के व्यवसाय के अधिकार में भी बाधा है.