लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए, प्रदेश भर के इंटर कॉलेजों और हाई स्कूलों में वर्ष 2013 के विज्ञापन संख्या 3 के क्रम में की गई नियुक्तियों को रद् कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि नौ वर्ष पहले जारी किए गए विज्ञापन के क्रम में अब नियुक्तियां करना, संविधान में प्रदत्त लोक नियोजन में समान अवसर और विधि के समक्ष समता के मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है.
यह निर्णय न्यायमूर्ति पंकज भाटिया एकल पीठ ने कमेटी ऑफ मैनेजमेंट इंटर कॉलेज नतौली की याचिका समेत 29 याचिकाओं पर पारित किया है. याचियों की ओर से अधिवक्ता शरद पाठक ने दलील दी कि प्रधानाचार्यों की नियुक्ति प्रकिया वर्ष 2013 में विज्ञापन संख्या 3 जारी करते हुए शुरू की गई थी. कहा गया कि यह प्रकिया नौ वर्षों तक ठप रही और अचानक वर्ष 2022 में एक माह के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा कर दिया गया. जिसमें अन्य नियमों का भी ख्याल नहीं रखा गया. याचिका का राज्य सरकार की ओर से विरोध करते हुए, नियुक्तियों को विधि सम्मत बताया गया.