उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

हाईकोर्ट ने महानिदेशक परिवार कल्याण से पूछा, क्यों न उन्हें अवमानना के लिए किया जाए दंडित - न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह

लखनऊ हाईकोर्ट ने महानिदेशक परिवार कल्याण से पूछा, कि क्यों न दालत के आदेश की जानबूझकर अवमानना करने के लिए दंडित किया जाए.

etv bharat
लखनऊ हाईकोर्ट

By

Published : Jul 19, 2022, 8:50 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने महानिदेशक परिवार कल्याण डॉक्टर रेनू वर्मा श्रीवास्तव को नोटिस जारी करते हुए उनसे पूछा क्यों न उन्हें अदालत के आदेश की जानबूझकर अवमानना करने के लिए दंडित किया जाए. न्यायालय ने उन्हें व पूर्व महानिदेशक डॉक्टर लिली सिंह को हाजिर होने का भी आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने राम कुमार मौर्या की अवमानना याचिका पर पारित किया. याची ने अपने पेंशन संबंधी मामले में रिट कोर्ट के 2 मई 2019 के आदेश का अनुपालन न करने की बात वर्तमान अवमानना याचिका में कही है. 26 मई को पिछली सुनवाई के दौरान डॉक्टर लिली सिंह के उपस्थित न होने पर न्यायालय ने उनके खिलाफ जमानतीय वारंट भी जारी किया था.

इसके बाद इस बार की सुनवाई के दौरान डॉक्टर लिलि सिंह कोर्ट में हाजिर हुईं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि महानिदेशक पद से उनका स्थानांतरण हो चुका है. इस पर न्यायालय ने वर्तमान महानिदेशक डॉ. रेनू वर्मा श्रीवास्तव को प्रतिवादी बनाने का निर्देश देते हुए, उन्हें नोटिस जारी करने का आदेश दिया.

पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ में हटाई जाएगी अवैध बस्ती, नोटिस सर्व होने के दौरान हंगामा

दरअसल, रिट कोर्ट ने याची के रिटायरल ड्यूज आठ प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश दिया था. जबकि वर्तमान याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि याची को एक लाख 27 हजार 115 रुपये का भुगतान किया जा चुका है. हालांकि याची का कहना है कि वह आठ प्रतिशत ब्याज की दर से तीन लाख 84 हजार 43 रुपये पाने का हकदार है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details