लखनऊ : अमेठी के संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस निलंबन मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने को कहा है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 अक्टूबर की तिथि नियत करते हुए, राज्य सरकार के अधिवक्ता को निर्देश प्राप्त कर यह अवगत कराने को कहा है कि मामले में जांच कब तक पूरी हो जाएगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने संजय गांधी हॉस्पिटल की ओर से दाखिल उसे याचिका पर पारित किया जिसमें अस्पताल की ओर से लाइसेंस निलंबन के आदेश को चुनौती दी गई है. याची हॉस्पिटल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर ने दलील दी कि संजय गांधी हॉस्पिटल पिछले 40 वर्षों से चल रहा है और उसे क्षेत्र का सबसे लोकप्रिय अस्पताल है, हालांकि न्यायालय ने फिलहाल हॉस्पिटल को कोई भी अंतरिम राहत नहीं दी है. दरअसल, न्यायालय ने सुनवाई के दौरान पाया कि अस्पताल को जनरल सर्जरी के लिए लाइसेंस नहीं मिला था, बावजूद इसके वहां सर्जरी की जा रही थी. सर्जरी का लाइसेंस न होने के बाबत न्यायालय द्वारा पूछे जाने पर याची अस्पताल की ओर से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जा सका. उल्लेखनीय है कि सर्जरी के दौरान एक महिला की मृत्यु होने के पश्चात हॉस्पिटल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. साथ ही अस्पताल को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. संजय गांधी हॉस्पिटल संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है व उक्त ट्रस्ट की चेयरपर्सन सोनिया गांधी हैं.