लखनऊ : विश्व भर में भारत तो भारत में उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन के मामले में पहले स्थान पर है, जबकि महाराष्ट्र दूसरे और राजस्थान तीसरे स्थान पर. उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन के मामले में पहले नंबर पर अपना दबदबा कायम रख सके इसके लिए अब यूपी में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग (Nand Baba Milk Mission Scheme) ने प्रयास और तेज कर दिए हैं. कृत्रिम गर्भाधान कराया जा रहा है, जिससे गायों से ज्यादा से ज्यादा दूध पैदा हो सके. नस्ल सुधार के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 200 गायों के ब्रीड मल्टीप्लिकेशन फार्म की स्थापना कराई जा रही है. इसके अलावा गोवंश को बढ़ावा देने और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नंद बाबा दुग्ध मिशन योजना भी लागू की गई है. डेयरियों की स्थापना पर भी अब इस विभाग का ध्यान केंद्रित है, जिससे भविष्य में उत्तर प्रदेश में और भी ज्यादा दूध उत्पादन बढ़ सकेगा.
इन जिलों में स्थापित की जा रहीं इकाइयां :उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अब अत्याधुनिक डेयरियां स्थापित की जाएंगी. इसकी तैयारी शुरू हो गई है. पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत 25 स्वदेशी गोवंश की 35 डेयरियां 10 जिलों में स्थापित करेगा. इनमें लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, बरेली और झांसी में चार इकाइयां और अयोध्या, प्रयागराज, आगरा, कानपुर और मेरठ में तीन इकाइयां स्थापित होंगी. 31 लाख के अनुदान की व्यवस्था भी पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग करेगा. प्रदेश के बाहर से साहीवाल, थारपारकर, गिर और हरियाणा प्रजाति के गोवंश भी खरीदे जाएंगे और इन आधुनिक डेयरी से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत 25 दुधारू गायों के इकाई स्थापित करने पर वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक हजार करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है. इसके तहत 10 जिलों में 35 लाभार्थियों का चयन 25 अक्टूबर तक किया जाएगा.
अब तक गठित हुईं इतनी समितियां :उत्तर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए 450 दुग्ध समितियों के पुनर्गठन का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 122 दुग्ध समितियों का पुनर्गठन कर लिया गया है. नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत 621 समितियां गठित की जानी है, जिसमें से 569 गांव का चयन कर 284 दुग्ध समितियां गठित हो गई हैं.