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Prabhat Gupta Murder Case : हाईकोर्ट ने टेनी के खिलाफ अपील पर अगली सुनवाई 13 फरवरी को नियत की - सुनवाई 13 फरवरी को

प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले (Prabhat Gupta Murder Case) में अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी. बता दें लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थाना क्षेत्र में युवक प्रभात गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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Published : Jan 30, 2023, 8:10 PM IST

लखनऊ : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के खिलाफ प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में दाखिल मृतक के पिता की पुनरीक्षण याचिका व राज्य सरकार की अपील पर अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने सोमवार को दिया.

मामले में मृतक प्रभात गुप्ता के पिता संतोष गुप्ता की मृत्यु हो जाने के कारण पुनरीक्षण याचिका में स्वयं को याची बनाए जाने के लिए प्रभात गुप्ता के भाई राजीव गुप्ता ने प्रार्थना पत्र दाखिल किया है. न्यायालय में उक्त प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई की जानी है. राज्य सरकार की अपील व संतोष गुप्ता की पुनरीक्षण याचिका पर एक साथ सुनवाई के पश्चात मामले में 10 नवम्बर को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया गया था, लेकिन 11 नवम्बर को एक प्रार्थना पत्र संतोष गुप्ता के पुत्र राजीव गुप्ता की ओर से दाखिल किया गया, जिसमें कहा गया कि वह संतोष गुप्ता के पुत्र हैं और मामले की बहस के दौरान उनके वरिष्ठ अधिवक्ता ज्योतिन्द्र मिश्रा तबीयत खराब होने के कारण बहस के लिए उपस्थित नहीं हो सके, लिहाजा उनकी ओर से लिखित बहस को रिकॉर्ड पर लिया जाए. इस पर सुनवाई करने वाली पीठ ने कहा कि मामले के कुछ बिंदुओं का अभी और स्पष्ट होना बाकी है.


उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थाना क्षेत्र में वर्ष 2000 में एक युवक प्रभात गुप्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. मृतक समाजवादी पार्टी के यूथ विंग का सदस्य व लखनऊ विश्वविद्यालय का छात्र नेता था, जबकि अजय मिश्रा टेनी उस समय भी भाजपा से जुड़े थे. अभियोजन के अनुसार दोनों के बीच पंचायत चुनाव को लेकर दुश्मनी हो गई थी. घटना के सम्बंध में दर्ज एफआईआर में अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ अजय मिश्रा उर्फ टेनी को भी नामजद किया गया था. मामले के विचारण के पश्चात लखीमपुर खीरी की एक सत्र अदालत ने अजय मिश्रा व अन्य को पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में वर्ष 2004 में बरी कर दिया था. आदेश के खिलाफ वर्ष 2004 में ही राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर दिया था, वहीं मृतक के भाई ने भी उक्त आदेश के विरुद्ध अपील/पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी.

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