नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दायर आरोप-पत्र पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं. कोर्ट ने आरोप-पत्र पर आगे की दलीलें सुनने के लिए 9 अगस्त की तारीख तय की है.
बुधवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में करीब सवा 12 बजे कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पेश किया गया. कोर्ट में सुनवाई शाम पांच बजे तक चलती रही. सुनवाई के दौरान डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंज जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट के बाहर दिल्ली पुलिस के जवानों ने किलेबंदी कर रखी थी. दोनों पक्षों ने करीब पांच घंटे की दलीलें रखीं, लेकिन उसके बाद भी दलीलें पूरी नहीं हो सकी. कोर्ट ने मीडिया को निर्देश दिए कि वो पीड़ितों और उसके परिजनों और गवाहों के नामों का खुलासा न करे.
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने क्या कहा
पिछले 6 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई से उन्नाव रेप मामले की पीड़िता, उसकी देखभाल करने वालों और उसके परिजनों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए थे कि वो गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट करने के बाद उसके परिजनों के ठहरने के बारे में भी रिपोर्ट मांगी थी.
आरोप-पत्र पर बहस करने के दिए थे निर्देश
पिछले 5 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह को दोबारा पेश होने का आदेश दिया था. साथ ही कोर्ट ने दोनों आरोपियों को तिहाड़ जेल भेजने का आदेश दिया था. 5 अगस्त को जब दोनों को कोर्ट में पेश किया गया था तो डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने आरोपियों के वकील को आरोप-पत्र पर बहस करने को कहा था.
इस पर आरोपियों की ओर से कहा गया था कि क्या यह कोर्ट को इस केस को सुनने का अधिकार है तब पीड़िता के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा और पूनम कौशिक ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने धारा 142 के तहत इस कोर्ट को ही अधिकृत किया है.
तब आरोपियों के वकील ने कहा था कि क्या सीबीआई की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति हो गई है. तब सीबीआई की ओर से कहा गया कि हां पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति के लिए नोटिफिकेशन जारी हो गया है, लेकिन जिन्हें नियुक्त किया गया है वे किसी दूसरे मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट में व्यस्त हैं इसलिए वे नहीं आ सकते हैं.