लखनऊ : स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह रविवार शाम को करीब साढ़े चार बजे आशियाना स्थित लोकबंधु अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. मंत्री ने मरीजों से बातचीत की इच्छा जाहिर की. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने वीडियो कॉल से मरीजों की बात कराई. सबसे पहले मंत्री ने आईसीयू में भर्ती कौशलेंद्र से बात की. मंत्री ने इलाज, दवा, भोजन व साफ-सफाई से जुड़ी बातें जानी. इसके बाद मरीज भूपेंद्र की सेहत का हाल लिया. मरीजों ने इलाज से संतुष्टि जाहिर की.
स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के वक्त मरीज संजीव की इलाज के दौरान मौत हो गई. इस पर मंत्री ने पीड़ित परिजनों को सांत्वना दी.
अस्पताल में डॉक्टर-कर्मचारियों की कमी
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल की सुविधाओं के बारे में बातचीत की. इस पर अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. कम से कम 40 डॉक्टर होने चाहिए. यदि एमबीबीएस डॉक्टर नहीं मिल पा रहे हैं तो आयुर्वेद व होम्योपैथिक के डॉक्टरों की भी सेवाएं ले सकते हैं. बड़ी संख्या में सरकारी डॉक्टर खाली हैं. ओपीडी नहीं चल रही है. वहां फार्मासिस्ट व दूसरे स्टाफ भी खाली हैं. इसके अलावा बेरोजगार आयुष डॉक्टरों की भी तैनाती की जा सकती है. इससे मरीजों के इलाज में सुविधा होगी. सफाई कर्मचारियों की भी तैनाती की सख्त जरूरत है.
'मंत्री जी, सीटी स्कैन व डायलिसिस मशीनें लगवा दीजिए'
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि कोरोना मरीजों की सीटी स्कैन कराने की जरूरत पड़ रही है. हर छठे दिन गंभीर मरीजों में संक्रमण की रफ्तार देखने के लिए सीटी स्कैन कराने की जरूरत पड़ रही है. मरीजों को दूसरे संस्थानों में भेजना पड़ रहा है. अस्पताल में लंबे समय से सीटी स्कैन की मांग चल रही है. मशीन लगने से कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज आसान होगा. कम से कम पांच डायलिसिस मशीन लगाई जानी चाहिए. पीपीपी मॉडल पर जल्द से जल्द मशीन स्थापित की जा सकती है. इस पर मंत्री ने जल्द से जल्द मांग पूरी करने का आश्वासन दिया.
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बलरामपुर अस्पताल में बढ़ेंगे 150 बेड
बलरामपुर अस्पताल में जल्द ही 150 और बेडों की व्यवस्था की जाएगी. यहांं पर कोरोना मरीज भर्ती किए जाएंगे. अस्पताल में ऑक्सीजन का संकट है. रविवार को स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने जल्द ही ऑक्सीजन जनरेटर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. ताकि ऑक्सीजन के संकट से अस्पताल को निजात मिल सके. अस्पताल में अभी 290 बेड पर कोरोना मरीजों की भर्ती हो रही है. 150 बेड और बढ़ने से मरीजों को राहत मिलेगी.