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डॉक्टरों ने बाहरी दवा लिखी तो खैर नहीं, लगाम कसने की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग - उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचाने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी अस्पतालों में बाहर से दवा लिखने की कुप्रथा पर लगाम लगाने पर सख्ति दिखाई जा रही है. इस कुव्यवस्था से निपटने के लिए स्वास्थ विभाग ने कमर कस ली है.

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बाहर से दवा लिखने पर स्वास्थ विभाग कसेगा लगाम.

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Published : Jan 16, 2020, 5:08 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वास्थ सेवाएं देने के लिए स्वास्थ विभाग द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के बाहर से दवा लिखने के रवैये पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आने वाले तीमारदार व मरीजों को बेहतर चिकित्सा मिल सके.

बाहर से दवा लिखने पर स्वास्थ विभाग कसेगा लगाम.

दरअसल, सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों द्वारा मरीजों को बाहर से दवाइयां लिखने का सिलसिला बंद नहीं हो रहा. इसके चलते कई मामले सामने आने के बाद विभागीय स्तर पर अस्पतालों में कार्रवाई भी की गईं, लेकिन इसके बावजूद यह सिलसिला थमता नहीं दिख रहा.

इसके बाद अब स्वास्थ विभाग द्वारा कठोर कदम उठाए जा रहे हैं. इसके चलते स्वास्थ विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश डक कॉर्पोरेशन के माध्यम से एक ऐसी व्यवस्था लाई जा रही है, जिससे मरीजों व तीमारदारों को पहले ही पता होगा कि कौन सी दवा सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है और कौन सी दवाइयां इन अस्पतालों में नहीं है.

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इसके लिए स्वास्थ विभाग के पोर्टल और कॉर्पोरेशन के पोर्टल पर यह जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी, जिसमें सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध दवाइयों का विवरण होगा. स्वास्थ विभाग द्वारा यह कहा जा रहा है कि इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा बाहर से दवाई लिखने के मामलों में कमी आएगी, जिससे मरीजों को बाहर से दवाइयां भी नहीं लेनी पड़ेगी.

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