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कोविड जांच के लिए मनमानी फीस की शिकायत पर पैथोलॉजी सेंटर्स पर छापेमारी

शासन से कोविड जांच रेट तय किए जाने बाद भी लखनऊ में मरीजों से दो से तीन सौ रुपए अधिक वसूले जाने की खबर सामने आ रही है. सूचना पर मंगलवार रात स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने छह निजी पैथोलाॅजी सेंटर पर छापामार कार्रवाई की.

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निजी पैथोलॉजी सेंटर्स पर छापेमारी

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Published : Dec 31, 2020, 1:44 AM IST

लखनऊः शासन से कोविड जांच रेट तय किए जाने बाद भी मरीजों से दो से तीन सौ रुपए अधिक वसूले जाने की खबर सामने आ रही है. सूचना पर मंगलवार रात स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने छह निजी पैथोलाॅजी सेंटर पर छापामार कार्रवाई की. स्वास्थ्य विभाग की छापेमार कार्रवाई से पैथोलॉजी सेंटर में हड़कंप मच गया. टीम ने बाॅयोमेडिकल वेस्ट, कलेक्शन सेंटर समेत डाटा फीड की व्यवस्थाओं को परखा. टीम ने सभी लैब की रिपोर्ट तैयार करके सीएमओ को भेजी है. जिसके बाद खामियां मिलने पर निजी लैब को नोटिस जारी करके आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पैथोलॉजी सेंटर्स पर मनमानी वसूली के आरोप
शासन ने कोविड जांच का शुल्क इसी महीने घटाकर 700 रुपए तय किया था. जबकि घर से नमूना लाने पर 900 रुपए लेने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद निजी लैब मनमानी पर उतारू हैं. निजी लैब मरीज के कलेक्शन सेंटर पर आने पर भी 900 से एक हजार रुपए तक शुल्क वसूल रहे हैं. इसकी कई शिकायतें भी सामने आईं थी. वहीं डाटा फीड में गडबडी और कलेक्शन सेंटर पर प्रोटोकाॅल टूटने की शिकायत भी मिली थी. सीएमओ के निर्देश पर बनी छह टीमों ने मंगलवार की रात छह लैब पर जाकर पड़ताल किया. इस दौरान कई लैब में तय रेट से अधिक शुल्क वसूले जाने का मामला सामने आया.

तय रेट पर ही कोविड जांच करने के निर्देश
पैथोलॉजी सेंटर्स पर जांच के दौरान कड़ी गड़बड़ी सामने आई है. टीम ने पैथोलॉजी सेंटर्स को हिदायत दी और तय रेट पर जांच करने के निर्देश दिए. इसके अलावा डाटा फीडिंग, कलेक्शन सेंटर की व्यवस्थाओं में खामियां कई लैब में मिली. सीएमओ डाॅ संजय भटनागर के मुताबिक अभी सभी लैब की जांच चल रही है. सभी को कोविड मानक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. फाइनल रिपोर्ट आने बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पाॅजिटिव मरीजों की रिपोर्ट अपलोड करने में देरी
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई लैब जांच रिपोर्ट में पाॅजिटिव आने बाद मरीज की रिपोर्ट को पोर्टल पर अपलोड करने में देरी कर रहे हैं. इससे पाॅजिटिव मरीज कई अन्य लोगों के संपर्क में आ जाते हैं. ऐसे में संक्रमण की लंबी चेन बन रही है. कांटेक्ट टेसिंग में इस तरह के मामले सामने आए थे. जिसके बाद सभी लैब को जांच रिपोर्ट उसी दिन अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं.

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