उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

Haridwar Hate Speech: प्राथमिकी दर्ज हुई तो भड़के साधु-संत, क्रॉस FIR की तैयारी - haridwar saints will file cross fir

हरिद्वार में इस समय बड़ा घटनाक्रम हुआ है. धर्म संसद के बाद हेट स्पीच के आरोप में साधु-संतों पर हुई FIR के जवाब में संत भी मुकदमा दर्ज कराएंगे. इस संबंध में हरिद्वार भूपतवाला के शांभवी आश्रम में बैठक हुई है. इसी बैठक में धर्म संसद में शामिल हुए साधु-संतों ने क्रॉस FIR दर्ज कराने का प्रस्ताव पास कराया है. संतों ने हरिद्वार कोतवाली इंचार्ज इंस्पेक्टर राकेन्द्र कठैत को तहरीर भी दे दी है.

Haridwar Hate Speech
Haridwar Hate Speech

By

Published : Dec 28, 2021, 8:08 PM IST

हरिद्वार: धर्म संसद के बाद हरिद्वार भूपतवाला में आज शाम्भवी आश्रम में साधु-संतों की अहम बैठक हुई है. वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी ने बैठक में ये प्रस्ताव रखा कि कुरान, पैगंबर मोहम्मद साहब और जिहादियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे. बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हो गया. प्रस्ताव में मौलवियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराने की बात कही गई है.

हरिद्वार हेट स्पीच प्रकरण में साधु-संतों ने क्रॉस FIR दर्ज कराने के लिए तहरीर.

संतों ने हरिद्वार कोतवाली इंचार्ज इंस्पेक्टर राकेन्द्र कठैत को तहरीर भी सौंप दी है. दरअसल धर्म संसद के बाद हरिद्वार में वसीम रिजवी और दो संतों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसी के जवाब में साधु-संतों ने क्रॉस FIR दर्ज कराने का फैसला लिया है.

हेट स्पीच प्रकरण में क्रॉस एफआईआर को लेकर संतों के बयान

ये भी पढ़ेंः 'अखिलेश बाबू, जितना दम हो रोक कर देख लो, गगनचुंबी राम मंदिर बनकर रहेगा'

ये है पूरा मामलाःसनातन धर्म की रक्षा और संवर्धन के लिए धर्मनगरी हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 17 से 19 दिसंबर तक तीन दिवसीय धर्म संसद हुई थी. हरिद्वार धर्म संसद (Haridwar dharma sansad) के 4 दिन बाद सोशल मीडिया पर साधु-संतों द्वारा दिए गए बयानों से बवाल मचा था. सोशल मीडिया पर इन बयानों की निंदा की गई. धर्म संसद में वक्‍ताओं ने कथित तौर पर एक विशेष समुदाय के खिलाफ हिंसा की पैरवी की और 'हिंदू राष्‍ट्र' के लिए संघर्ष का आह्वान किया था.

धर्म संसद में 500 के आसपास महामंडलेश्वर महंत थे और 700-800 अन्य संत थे. धर्म संसद में जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि, रुड़की के सागर सिंधुराज महाराज, संभवी धाम के आनंद स्वरूप महाराज, जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा मां, पटना के धर्मदास महाराज शामिल थे. इन सभी ने धर्म संसद में अपने विचारों को रखा.

संतों ने रखा पक्षःस्वामी आनंदस्वरूप अध्यक्ष शंकराचार्य परिषद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि धर्म संसद में कई बातें की गई हैं. जिनमें से कई बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. जो बातें धर्म संसद में हुई हैं वह हिंदुओं की रक्षा और हिंदुत्व को बचाने के लिए कही गई हैं. संत समाज उन बातों पर डटा हुआ है. अगर धर्म संसद में अपने को मजबूत रखने के लिए घरों में हथियार रखने को कहा गया है तो इसमें कोई गलत बात नहीं है.

पुलिस ने दर्ज की FIR: धर्म संसद में विवादित बयान के बढ़ते वबाल को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस एक्शन में आई. पुलिस ने सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया.

गुलबहार खान ने कराई FIR: हरिद्वार कोतवाली इंचार्ज राजेंद्र कठैत ने बताया ज्वालापुर के स्थानीय निवासी गुलबहार खान ने धर्मनगरी हरिद्वार में हुई धर्म संसद को लेकर तहरीर हरिद्वार कोतवाली में दी है.

ये भी पढ़ेंः हरिद्वार धर्म संसद विवादित बयान: AISA और CPI का दिल्ली में उत्तराखंड भवन के बाहर प्रदर्शन

25 दिसंबर को दो और संतों पर FIR:25 दिसंबर को शामिल किए गए दो नामों में महामंडलेश्वर धरमदास (Mahamandaleshwar Dharamdas) और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती (Mahamandaleshwar Annapurna Bharti) के नाम भी शामिल किए गए. पुलिस ने इन संतों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए के तहत मुकदमा दर्ज किया.

जेल जाने को तैयार:एफआईआर में दो संतों के नाम बढ़ाए जाने से संत समाज में रोष बढ़ता जा रहा है. संतों का कहना है कि वो इससे बिल्कुल भयभीत नहीं है. संत समाज तो इस बात के लिए भी तैयार है कि अगर उनको जेल में डाला जाएगा, तो जेल जाने के लिए भी तैयार हैं.

क्या कहती है IPC की धारा 153ए :आईपीसी की धारा 153 ए उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं. 153 (ए) के तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. अगर ये अपराध किसी धार्मिक स्थल पर किया जाए तो 5 साल तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details