लखनऊ: मनोविज्ञान विभाग एवं एच.आर.डी.सी, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 'हैप्पीनेस रिसर्च मैथडोलॉजी' फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के दूसरे दिन मंगलवार को प्रोफेसर अनिल मिश्रा, रसायन विभाग ने कहा कि जीवन में खुश रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल रहना बहुत कठिन है. हम बिना जाने-बूझे कार्य करते चले जाते हैं. उन्होंने सचेत होकर कार्य करने के महत्व को समझाया. कुछ मूलभूत सिद्धांतों, जिन्हें हम अक्सर भूल जाते हैं का पालन कर व्यक्ति जीवन में खुश रह सकता है, जैसे कि चीजों को स्वीकार करना, आभार व्यक्त करना, ईश्वर में श्रद्धा रखना एवं सचेत रूप से सांस लेना, जो ध्यान का सरलतम प्रकार है.
मेडिकल कॉलेज लखनऊ के सर्जन डॉ. अनुपम शरण के अनुसार उचित खानपान, व्यायाम एवं निंद्रा अच्छे स्वास्थ्य एवं खुशी का आधार हैं. अक्सर लोग इनकी अवहेलना अपने जीवन में कर जाते हैं. ठीक प्रकार से न सो पाने के कारण व्यक्ति की हृदय प्रतिरोधक क्षमता, स्मृति प्रभावित होती है एवं अवसाद, चिंता, स्थूलता एवं अन्य बीमारियों के लक्षण आते हैं. सचेत प्रयास के द्वारा इन्हें रोका जा सकता है एवं स्वस्थ रहा जा सकता है, जो कि खुशी का मूल आधार है. मैक्स हॉस्पिटल, नई दिल्ली के हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ. राहुल मेहरोत्रा ने खुशी प्राप्त करने हेतु मन के प्रबंधन पर अपने विचार प्रकट किए.