लखनऊः पवन पुत्र श्रीहनुमान जी की जयंती 27 अप्रैल को भक्तिभाव से मनाई जाएगी. अलीगंज स्थित पुराने और नये हनुमान मंदिर सहित राजधानी के अन्य हनुमान मंदिरों में कोविड प्रोटोकॉल के तहत हनुमान जी की जयंती का आयोजन किया जाएगा. भक्त मंदिरों में दूर से ही दर्शन कर पायेंगे.
पुराना हनुमान मंदिर
अलीगंज स्थित पुराने हनुमान मंदिर के महंत गोपालदास ने बताया कि जयंती पर हनुमान जी महाराज का अभिषेक और शृंगार होगा. लड्डू, खीर- पूड़ी का हनुमान जी महाराज को भोग लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि एक-एक भक्तों को कोरोना नियमों का पालन करते हुए दर्शन की अनुमति दी जाएगी. भक्तों ने हनुमान जी के शृंगार के लिए पोषाकें भेजी है.
नया हनुमान मंदिर
अलीगंज स्थित नये हनुमान मंदिर में भी शृंगार और पूजन किया जाएगा. भगवान को हलवे का भोग अर्पित किया जाएगा. मंदिर के सेवादार दीक्षित जी ने बताया कि कोरोना को देखते हुए सादगी से हनुमान जयंती मनाई जाएगी. भक्त दूर से ही हनुमान जी के दर्शन कर पाएंगे.
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सिद्धि योग में होगी हनुमान जयंती
शास्त्र मर्मज्ञ पंडित आनंद दुबे ने बताया कि चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को चित्रा नक्षत्र में भगवान शिव ने अपने अंश 11वें रुद्र से माता अंजना के गर्भ से हनुमान जी के रूप में जन्म लिया. इस दिन को श्री हनुमान जयंती के रूप में मनाते है. पं. दुबे ने बताया कि इस वर्ष हनुमान जयंती पर चंद्रमा तुला राशि में होंगे, स्वाति नक्षत्र और सिद्धि योग होगा.
हनुमान जी शक्ति, तेज, साहस के प्रतीक
ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था. हनुमान जी कलयुग में सर्वाधिक पूजे जाने वाले देवता हैं. हनुमान जी शिव के अवतार हैं. इनकी पूजा तत्काल फल देने वाली है. इन्हें हनुमान, संकटमोचक, बजरंगबली, महावीर, पवन पुत्र, आंजनेय, केसरीनंदन आदि नामों से पुकारा जाता है. हनुमान जी यश, शक्ति, तेज और साहस के प्रतीक हैं.
ऐसे करें हनुमान जी की पूजा
हनुमान भक्त इस दिन व्रत रखकर राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी का पूजन कर भजन-कीर्तन करते हैं. इस दिन व्रत रखकर रामचरित मानस के सुंदर कांड का पाठ, हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत लाभदायक होता है. लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल फूल, सिंदूर चमेली के तेल का लेप, बेसन के लड्डू और बूंदी से ये शीघ्र प्रसन्न होते हैं. हनुमान जी की पूजा से जीवन में बल, बुद्धि, साहस, संकटों पर विजय, निरोगिता प्राप्त होती है. मंगल ग्रह संबंधी दोष दूर होते हैं.