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Hangzhou Asian Para Games 2023 : चीन में भारत का नाम रोशन करने निकली यूपी के कार ड्राइवर की बेटी - भारतीय जूडो ब्लाइंड टीम

मंगलवार को एशियाई पैरा गेम्स में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए (Hangzhou Asian Para Games 2023) भारतीय जूडो ब्लाइंड टीम चीन के लिए रवाना हो चुकी है. चीन में यह गेम्स 22 से 28 अक्टूबर के बीच होंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 18, 2023, 2:38 PM IST

वरिष्ठ संवाददाता अखिल पांडेय की खास रिपोर्ट

लखनऊ : चीन के हांगझोऊ शहर में एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के बाद अब पैरा एशियाई खिलाड़ी भारत दम दिखाने के लिए तैयार है. इन खिलाड़ियों में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की भी आंशिक दृष्टिबाधित खिलाड़ी गुलशन शामिल हैं. गुलशन की खेलों की यात्रा बिल्कुल भी आसान नहीं रही. उनका संघर्ष अद्भुत है. पिता कार ड्राइवर हैं और बेटी को शिखर तक पहुंचाने में भरपूर योगदान है. पढ़ाई के साथ ही खेलों में पसीना बहाकर गुलशन ने जो मुकाम हासिल किया है वह देश और प्रदेश की अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणा है. गुलशन को स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी नहीं मिली, लेकिन उन्होंने पढ़ाई करके स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी हासिल की और अब डिप्टी मैनेजर के पद पर तैनात हैं. पैरा एशियाई खेलों में चीन रवाना होने से पहले गुलशन ने "ईटीवी भारत" से बचपन से अब तक के सफर पर एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन में भारत और उत्तर प्रदेश का नाम गोल्ड मेडल हासिल कर जरूर रौशन करूंगी. गुलशन एशिया में चौथी रैंक और विश्व में 14 वीं रैंक की महिला खिलाड़ी हैं.


भारतीय जूडो ब्लाइंड टीम चीन के लिए रवाना


इस बार मेडल की होड़ में :गुलशन बताती हैं कि 'यहां तक पहुंचने में काफी मेहनत करनी पड़ी है. पिछले दो साल से जूडो की लगातार प्रैक्टिस कर रही हूं. पिछले डेढ़ साल से मैं लखनऊ में रहकर प्रैक्टिस कर रही हूं. पूरी उम्मीद है कि इस बार हम मेडल की होड़ में हैं.'

भारत का नाम रोशन करने निकली यूपी के कार ड्राइवर की बेटी

'छोटी बहन को भी मैं कर रही हूं तैयार, वह भी जीतेगी मेडल' :मेरे घर में माता-पिता, दो भाई और दो बहनें हैं. मेरी जो छोटी बहन है वह एथलेटिक्स करती है. वह 1500 मीटर की लॉन्ग रेसर है. वह भी नेशनल मेडलिस्ट है. आगे जाकर पूरी उम्मीद है कि वह इंटरनेशनल मेडल करेगी. मैं उसको तैयार कर रही हूं. अभी वह सिर्फ 18 साल की है. दोनों भाई छोटे हैं वह पढ़ाई कर रहे हैं और माताजी गृहिणी हैं.'

'स्पोर्ट्स कोटे से नहीं एग्जाम क्रैक कर बनी डिप्टी मैनेजर' :गुलशन बताती हैं कि 'वर्तमान में वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. मुझे जॉब स्पोर्ट्स कोटे से नहीं मिली. मैंने एक्जाम क्रैक किया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और मिरांडा हाउस से ही मैंने मास्टर किया है. मैंने एसबीआई के पीओ का एग्जाम क्रैक किया. उसका प्री, मेंस और इंटरव्यू क्रैक करके यह जॉब हासिल की है.'

भारतीय जूडो ब्लाइंड टीम चीन के लिए रवाना

दो मेडलिस्ट हैं मेरे प्रेरणास्रोत : 'जहां तक मेरे प्रेरणास्रोत खिलाड़ी की बात है तो मेरा एक मित्र है जो पैरा एथलीट है. उसने बहुत ज्यादा आगे बढ़ाने में मदद की है, वही मेरा प्रेरणास्रोत है. वह ओलंपियन है. अंकुर धामा उनका नाम है. इसके अलावा यूपी के ही एक खिलाड़ी हैं प्रवीण कुमार. वह हाई जंपिंग ओलंपियन मेडलिस्ट हैं. वह भी मेरे प्रेरणा स्रोत हैं. दोनों ही मेरे अच्छे मित्र भी हैं.'

'पारूल चौधरी की तरह ही जीतना है मेडल' :हाल ही में एशियन गेम्स में उत्तर प्रदेश की महिला खिलाड़ी पारूल चौधरी ने नाम रोशन किया है. मैं भी पारूल चौधरी की ही तरह जज्बा रखना चाहती हूं और मैं पूरी कोशिश करूं कि मैं देश के लिए, उत्तर प्रदेश के लिए, अपने लिए और अपने परिवार के लिए मेडल लेकर आऊं.'



मिशन शक्ति से सीएम कर रहे हैं महिलाओं का सशक्तिकरण :उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिशन महिला शक्ति से महिलाओं का सशक्तिकरण कर रहे हैं. वह हम खिलाड़ियों की भी काफी मदद कर रहे हैं. मैं चाहती हूं कि सरकार ऐसे ही हमारा सहयोग करती रहे और हम देश और प्रदेश का नाम विश्व में रोशन करते रहें.'

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