लखनऊ : चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के हैंडलूम्स एवं पॉवरलूम (Handloom and powerloom) को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने का रास्ता साफ हो गया. पिछले दिनों कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इस योजना के तहत पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने के लिए सामान्य वर्ग के बुनकरों को 50 फीसद एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बुनकरों को सरकार से 75 फीसद की सब्सिडी मिलेगी. प्रदेश में सदियों से वस्त्र उद्योग की सम्पन्न परंम्परा रही है. इस परंपरा की बुनियाद पहले हैंडलूम और बाद में पॉवरलूम ही रहे. आज भी प्रदेश के 34 जिले हथकरघा बाहुल्य हैं. हथकरघों, हथकरघा बुनकरों और बुनकर सहकारी समितियों की संख्या क्रमशः 1.91 लाख, 0.80 लाख और 20421 है. इसी तरह मऊ, अम्बेडकर नगर, वाराणसी, मेरठ, कानपुर, झांसी, इटावा, संतकबीरनगर आदि जिले पॉवरलूम बहुल हैं.
पॉवरलूम एवं इन पर काम करने वाले बुनकरों एवं पॉवरलूमों की संख्या क्रमशः 2.58 लाख एवं 5.50 लाख हैं. चरणबद्ध तरीके से हैंडलूम एवं पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से जोड़ना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस मंशा के अनुरूप होगा जिसके तहत वह उत्तर प्रदेश को देश का टेक्सटाइल हब बनाना चाहते हैं, चूंकि यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जानी है. उम्मीद है कि कैबिनेट के इस फैसले से धीरे-बुनकरों की बिजली पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. योजना के अनुसार सरकार सौर ऊर्जा में ऊर्जीकृत होने वाले बुनकरों को सोलर इनवर्टर भी देगी. ऐसा होने से ऊर्जा तो बचेगी ही, तैयार उत्पाद इकोफ्रेंडली होंगे.
पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने के लिए बजट में भी 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. इसी क्रम में बुनकरों की बेहतरी के लिए सरकार की योजना वाराणसी के 50 हजार बुनकरों को बैंक से भी जोड़ने की है. इस पर काम चल रहा है. बैंकों से बुनकरों को जोड़ने के पीछे मकसद यह है कि उनके काम में पूंजी बाधा न बने. पूंजी के साथ उनको ओडीओपी योजना के तहत अनुदान भी मिले, इसके लिए सरकार अभियान चलाकर 50 हजार बुनकरों को बैंकों से जोड़ेगी. एमएसएमई विभाग और बैंकर्स की बैठक में यह भी तय हो चुका है कि इस बाबत जरूरत के अनुसार औपचारिक्ताओं में छूट दी जाएगी. सिडबी भी इस अभियान में मदद करेगी. मालूम हो कि पहले से ही करीब 25 हजार बुनकर हैंडलूम विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत हैं. सरकार के इन प्रयासों से इस असंगठित क्षेत्र को संगठित क्षेत्र में लाना है.