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कांग्रेस से मेयर की टिकट के लिए इन नामों की चर्चा, जानिए कब हो सकती है घोषणा - प्रदेश में निकाय चुनाव की घोषणा

यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर सभी दलों ने तैयारी शुरू कर दी है. टिकट को लेकर पार्टी के कई नेता सक्रिय हो गये हैं. कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मेयर पद को लेकर जोड़तोड़ कोशिश कर रहे हैं.

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Published : Apr 12, 2023, 7:19 PM IST

लखनऊ : प्रदेश में निकाय चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रमुख राजनीतिक दलों में प्रत्याशियों को लेकर अटकलों का बाजार काफी गर्म हो गया है. कांग्रेस में भी टिकट को लेकर काफी गहमागहमी देखने को मिल रही है. लखनऊ मेयर का टिकट पाने के लिए पार्टी के अंदर कई धड़े अपने-अपने प्रत्याशियों को मजबूत करने में लगे हुए हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि 'अगले एक से दो दिन में पार्टी मेयर सीट के प्रत्याशी की घोषणा कर देगी. लखनऊ सहित प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में मेयर का नाम तय करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष व प्रांतीय अध्यक्ष अपने-अपने स्तर से कमेटियों का गठन कर नामों का चयन कर रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर लखनऊ पहुंच चुके हैं और वह टिकटों को लेकर सभी दावेदारों के आकलन करना शुरू कर दिया है. पार्टी इन चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाह रही है.


चुनाव का बिगुल बजते ही सभी पार्टी नेता सक्रिय हो गए हैं. इसी क्रम में कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मेयर पद को लेकर जोड़तोड़ कोशिश कर रहे हैं. खासतौर से प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बात की जाये तो मुख्य रूप से छह दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं. ऐसे में लखनऊ से कांग्रेस पार्टी का मेयर प्रत्याशी कौन होगा, इसको लेकर पार्टी कार्यालय में काफी जोर आजमाइश चल रही है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि 'मेयर के टिकट के लिए पार्टी के पास लगभग एक दर्जन से अधिक नाम आए हैं, लेकिन इनमें पांच से छह नाम ऐसे हैं, जिन पर पार्टी गंभीरता से विचार कर सकती है. इसमें सबसे पहला नाम जानी-मानी आर्किटेक्ट सविता अग्रवाल का है.'

पार्टी सूत्रों का कहना है कि 'सविता अग्रवाल ने टिकट के लिए पार्टी आलाकमान तक अपनी बात पहुंचा दी है. सूत्रों ने बताया कि सविता अग्रवाल का परिवार लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ा रहा है. उनके पिता एमसी महेश्वरी 1964 में कांग्रेस में शामिल हुए थे, वहीं उनके भाई उत्तर प्रदेश के एडवोकेट जनरल रहने के साथ उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि गांधी परिवार से अपने पुराने व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर सविता अग्रवाल ने लखनऊ के मेयर के लिए आवेदन किया है, वहीं इसके अलावा कांग्रेस पार्टी में पहले से ही कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. राजधानी की मेयर सीट एक बार फिर महिला होने के कारण पुरूष प्रत्याशी अपने स्थान पर अपनी पत्नियों के लिए टिकट मांग रहे हैं.'

पार्टी सूत्रों का कहना है कि 'मौजूदा समय में कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष समीर श्रीवास्तव अपनी पत्नी रचना श्रीवास्तव के टिकट के लिए प्रयासरत हैं. समीर की संगठन से लेकर सामाजिक सरोकार में अच्छी पकड़ मानी जाती है. वह पूर्व ब्लाक प्रमुख और बार एसोसिएशन पूर्व उपाध्यक्ष भी रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि इसी तरह कांग्रेस में लखनऊ मेयर पद के लिए पार्टी की प्रवक्ता व कद्दावर नेता प्रियंका गुप्ता भी मजबूत दावेदार के रूप में खुद को आगे रखा हुआ है. उन्हें कांग्रेस का मजबूत नेता माना जाता है.'

इसके अलावा पार्टी सूत्रों का कहना है कि 'कुछ महीने पहले कांग्रेस पार्टी में बड़े ही जोर-शोर से शामिल हुए पुराने लखनऊ के बड़े व्यापारी राजेश जायसवाल भी अपनी पत्नी के टिकट के लिए सक्रिय हैं. सूत्र बताते हैं कि वह अवध क्षेत्र के प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री नकुल दुबे के बेहद करीबी हैं. इसके अलावा कांग्रेस से मेयर पद के लिए महिला प्रकोष्ठ से दो तीन नाम और भी चल रहे हैं, जो लंबे समय से पार्टी में टिकट की दावेदारी कर रही हैं. इनमें शिप्रा अवस्थी, सुची विश्वास के नाम शामिल बताए जा रहे हैं.'


कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 'मौजूदा समय में पार्टी की जो स्थिति है उसे देखते हुए पार्टी संगठन से जुड़े पदाधिकारी व लोग पार्टी के ही किसी कार्यकर्ता को टिकट देने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि कार्यकर्ता को टिकट मिलने से दूसरे कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार होगा और वह ज्यादा सक्रियता से चुनाव में लगेंगे, वहीं पार्टी में एक धड़ा ऐसा है जो सीधे प्रियंका गांधी की ओर से जो प्रत्याशी आएगा उसे समर्थन देने की बात कर रहा है. सूत्र बताते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के पास ऐसे दोनों ही धड़े अपनी बात पहुंचा चुके हैं.

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