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गुरु तेग बहादुर साहिब का मनाया गया 400 वां प्रकाश पर्व

पूरे देश में शनिवार को सिक्ख पंथ के नवें गुरु तेग बहादुर साहिब का 400 वां प्रकाश पर्व मनाया गया. इस दौरान गुरु साहिब के जीवन पर प्रकाश डाला गया और बड़ी ही श्रद्धा के साथ शबद-कीर्तन का आयोजन हुआ.

गुरु तेग बहादुर का 400 वां प्रकाश पर्व
गुरु तेग बहादुर का 400 वां प्रकाश पर्व

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Published : May 2, 2021, 5:20 AM IST

लखनऊः सिक्ख पंथ के नवें गुरु श्री तेग बहादुर साहिब का 400 वां प्रकाश पर्व शनिवार को पूरे देश में श्रद्धा और कोविड प्रोटोकॉल के साथ मनाया गया. इस अवसर पर गुरुद्वारों में शबद- कीर्तन हुए. गुरु के जीवन पर प्रकाश डाला गया और लंगर भी वितरित हुआ.

लंगर वितरण.

गुरु तेग बहादुर के जीवन पर डाला गया प्रकाश
ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब यहियागंज में गुरु तेग बहादुर साहिब का 400 वां प्रकाश पर्व बहुत ही सादगी एवं श्रद्धा पूर्वक मनाया गया. सुबह श्री सुखमनी साहब का पाठ हुआ. उसके पश्चात शबद कीर्तन हुए. अरदास के पश्चात श्री गुरु ग्रंथ साहब जी के ऊपर गुलाब के फूलों से वर्षा हुई. इसके बाद हेड ग्रंथि ज्ञानी परमजीत सिंह ने गुरु महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला.

अयोध्या में घरों से गुरुबाणी का पाठ

अयोध्याःऐतिहासिक गुरुद्वारा नजरबाग में शनिवार को कोविड प्रोटोकाल के बीच नवमगुरु गुरु तेग बहादुर महाराज का 400 वां प्रकाश पर्व मनाया गया. इस दौरान संगत -श्रद्धालुओं को अपने-अपने घरों से ही गुरुबाणी के पाठ करने की अपील करते हुए सुबह के दैनिक नियम के पाठ, कीर्तन और अरदास के उपरांत लंगर प्रसाद का वितरण किया गया.

अयोध्या में गुरु तेग बहादुर का 400 वां प्रकाश पर्व.

गुरु तेग बहादुर के प्रकाश पर्व पर बधाई और शुभकामनाएं
समूह साध संगत को गुरुद्वारा नजरबाग के जत्थेदार बाबा महेन्दर सिंह और सभी सेवादारों की ओर से नौंवे गुरु वैराग की मूरत, ज्ञान के सागर, धर्म के रक्षक सभी प्रकार के ईश्वरीय और आत्मिक गुणों के दाता, आप परमेश्वर स्वरूप गुरु तेग बहादुर के प्रकाश पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी. जत्थेदार बाबा महेन्दर सिंह जी ने बताया कि नौवें गुरु जी के उपदेश, उनकी बाणी हमें जीवन में सत्य के मार्ग पर दृढ़ता से चलने की शक्ति प्रदान करते हुए वैर, ईर्ष्या, काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार से मुक्त करती है. अध्यात्म के मार्ग का स्पष्ट सूत्र देते हुए एक सर्वव्यापी परमेश्वर का बोध कराती है.

गुरु तेग बहादुर साहिब ने प्रयाग में किया था धर्म का प्रचार
प्रयागराज: आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक ज्ञान की चेतना से जनमानस को ओतप्रोत करने के लिए भ्रमण पर निकले सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब धर्म की नगरी प्रयाग में लंबे समय तक रुके थे. सरदार परविंदर सिंह के अनुसार आज से विक्रम संवत 1723 यानी 1666 को उनका संगमनगरी में आगमन हुआ. गुरुद्वारा पक्की संगत में रुककर उन्होंने धर्म आध्यात्म का व्यापक प्रचार प्रसार किया.

प्रयागराज में गुरु तेग बहादुर का 400 वां प्रकाश पर्व.

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गुरु तेग बहादुर का जत्था मकर संक्रांति को प्रयाग पहुंचा था
श्री गुरु तेग बहादुर साहिब का जत्था विभिन्न मार्गो से होते हुए मकर संक्रांति को प्रयाग पहुंचा था. गुरु के साथ मां पानमकी, पत्नी माता गुजरी, भाई कृपाल चंद, सेवक भाई मती दास, सतिदास, दयाला, गुरुबक्श, बाबा गुरुदित्ता थे. श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने सबके साथ मकर संक्रांति पर संगम में स्नान, पाठ,मनन और ध्यान किया था.

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