लखनऊ:कांग्रेस ने सूरत में उधना विधानसभा क्षेत्र से धनसुख राजपूत (Dhansukh Rajput Congress candidates for Udhana) को टिकट दिया है. वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. इसलिए अब उन्होंने डोर टू डोर कैंपेन शुरू कर दिया है. हैरानी की बात यह है कि जब ये यूपी और बिहार (Gujarat Election 2022) की जनता के बीच प्रचार के लिए जाते हैं. फिर उन्हें हिंदी में नहीं, बल्कि भोजपुरी भाषा में (सूरत कैंडिडेट कैंपेनिंग इन भोजपुरी) वोट चाहिए.
हिंदी फिल्म अभिनेता गोविंदा की एक फिल्म में एक गाना था- 'यूपी वाला ठुमका लगाऊं के हीरो जैसे नाच के दिखाऊं'. उधना विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी धनसुख राजपूत का भी कुछ ऐसा ही हाल है. लाखों उत्तर भारतीय लोग राज्य (सूरत विधानसभा सीट) में रहते हैं, जिसका सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में एक शेर का हिस्सा है, लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव (गुजरात चुनाव 2022) में केवल एक ही उम्मीदवार है, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश से है. कांग्रेस ने इस बार सूरत के उधना विधानसभा क्षेत्र से उत्तर भारतीय उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. इस सीट पर लाखों उत्तर भारतीय रहते हैं.
उम्मीदवार धनसुख राजपूत (उधना के लिए धनसुख राजपूत कांग्रेस उम्मीदवार) गुजराती या हिंदी में नहीं, बल्कि भोजपुरी भाषा में (सूरत उम्मीदवार भोजपुरी में प्रचार कर रहे हैं) लोगों से संपर्क कर वोट देने की अपील कर रहे हैं. सूरत में विधानसभा की 12 सीटें हैं और तीन सीटें ऐसी हैं, जिनमें लाखों विदेशी रहते हैं. बीजेपी ने सूरत में किसी भी प्रांतीय उम्मीदवार को कभी मौका नहीं दिया, भले ही सूरत में वर्षों से उनके लाखों विदेशी हैं. इस बार उत्तर भारतीय मतदाताओं को उम्मीद थी कि भारतीय जनता पार्टी 84 सीटों पर विदेशी उम्मीदवार उतारेगी, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी.
कांग्रेस ने उधना विधानसभा क्षेत्र में एक मूल उत्तर भारतीय उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. कांग्रेस उम्मीदवार धनसुख राजपूत (उधना के लिए धनसुख राजपूत कांग्रेस उम्मीदवार) ने प्रचार शुरू कर दिया है. वे डोर टू डोर कैंपेनिंग कर रहे हैं. खासकर जब वे यूपी और बिहार के निवासियों के पास जाते हैं. फिर उन्हें भोजपुरी में वोट चाहिए. वह यूपी और बिहार के लोगों से भोजपुरी में बात करते हैं ताकि गुजरात के साथ उत्तर प्रदेश को भी जोड़ सकें.