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ऐसे विद्यालय नहीं बन पाएंगे यूपी बोर्ड के परीक्षा केंद्र

यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा कराने के लिए परीक्षा केंद्र निर्धारण को लेकर गाइडलाइ जारी की है. बोर्ड के जिन विद्यालयों में प्रबंधन और प्रिंसिपल को लेकर विवाद चल रहा है, वहां परीक्षा केंद्र न बनाने के निर्देश दिए गए हैं.

यूपी बोर्ड परीक्षा
यूपी बोर्ड परीक्षा

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Published : Nov 28, 2020, 7:13 PM IST

लखनऊः यूपी बोर्ड के जिन विद्यालयों में प्रबंधन और प्रधानाचार्य को लेकर विवाद है, उन्हें 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र न बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अलावा मेरिट के आधार पर परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे. पांच दिसबंर तक माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर स्कूलों को सूचना अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके आधार पर ही विद्यालयों को अंक दिए जाएंगे.

कंट्रोलर की तैनाती पर बन सकते हैं केंद्र
जिन विद्यालयों में प्रबंधन और प्रधानाचार्य को लेकर विवाद है. ऐसे विद्यालयों में शिक्षा विभाग ने कंट्रोलर की तैनाती की है तो अधिग्रहण करने की स्थिति में उसे परीक्षा केंद्र बनाया जा सकता है. इसके अलावा आवासीय विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा. कई विद्यालयों में प्रबंधन और शिक्षकों के आवास हैं और वहां छात्रों के हॉस्टल भी हैं. ऐसे हालात में उन्हें परीक्षा केंद्र की सूची से बाहर रखा जाएगा.

मेरिट के आधार पर बनेंगे परीक्षा केंद्र
परीक्षा केंद्र के लिए सबसे पहले राजकीय कॉलेज फिर सहायता प्राप्त और अंत में वित्तविहीन विद्यालयों को चयनित किया जाएगा. इन परीक्षा केंद्र के लिए अधिक अंक पाने वाले स्कूल मेरिट लिस्ट में सबसे ऊपर होंगे. इतना ही नहीं अगर कोई प्रिंसिपल वेबसाइट पर गलत सूचना अपलोड करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसकी जिम्मेदारी जिला विद्यालय निरीक्षक को दी गई है.

यूपी बोर्ड मनाएगा शताब्दी वर्ष
माध्यमिक शिक्षा परिषद 2021 में अपने 100 साल पूरे करने जा रहा है. प्रयागराज में यूपी बोर्ड की स्थापना वर्ष 1921 में संयुक्त प्रांत वैधानिक परिषद के एक अधिनियम द्वारा हुई थी. अब यूपी बोर्ड का भी शताब्दी वर्ष समारोह मनाने की तैयारियां चल रही हैं. बोर्ड से 22 हजार से ज्यादा स्कूल संबद्ध हैं. यूपी बोर्ड प्रत्येक वर्ष 10वीं और 12वीं के 56 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों की परीक्षा कराता है.

माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर सूचना अपलोड करने के बाद सत्यापन कराया जाएगा. इसमें गलत सूचना देने वाले प्रधानाचार्य के खिलाफ निश्चित कार्रवाई तय है.

डॉ. मुकेश कुमार सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक

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