लखनऊ:राजधानी में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में शनिवार को कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद जीआरपी पुलिसकर्मियों ने प्लाज्मा डोनेट किया. चारबाग जीआरपी में करीब 40 पुलिसकर्मियों को कोरोना वायरस का संक्रमण हो गया था, जिसके बाद उन्हें राजधानी के अलग-अलग कोविड-19 अस्पतालों में भर्ती कराया गया था. इसके बाद यह सभी स्वस्थ होकर अपने काम पर लौट गए थे.
प्लाज्मा डोनेशन की अपील
14 दिनों के क्वारंटाइन के बाद अब धीरे-धीरे सभी लोग ठीक होकर अपने काम पर वापस लौट रहे हैं. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा इनसे प्लाज्मा डोनेशन की अपील पर तीन पुलिसकर्मियों ने शनिवार को केजीएमयू पहुंचकर प्लाज्मा डोनेट किया. केजीएमयू के ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ. तूलिका ने बताया कि केजीएमयू में प्लाज्मा डोनेशन की काफी अधिक आवश्यकता है ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सके.
प्लाज्मा डोनेट करती जीआरपी पुलिस. जीआरपी पुलिसकर्मियों ने किया प्लाज्मा डोनेट
चारबाग जीआरपी पुलिसकर्मी कमलेश का कहना है कि 31 मई को उनमें कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी. इसके बाद उन्हें राम सागर मिश्रा अस्पताल बीकेटी में 10 दिन तक रहना पड़ा था. यहां पर कोविड-19 की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन किया गया, जिसकी अवधि भी पूरी की है. 2 दिनों पहले जब मैं दोबारा ड्यूटी पर आया तो मेरे सीनियर अफसर ने प्लाज्मा डोनेशन की बात बताई तो मैं तुरंत तैयार हो गया. मुझे लगा कि मेरे प्लाज्मा देने से यदि मरीजों का इलाज बेहतर हो सकता है, तो यह मुझे जरूर करना चाहिए.
डॉक्टर तूलिका चंद्रा ने दी जानकारी
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष और केजीएमयू ब्लड बैंक की प्रभारी डॉक्टर तूलिका चंद्रा ने बताया कि इस वक्त हमारे पास प्लाज्मा की काफी कमी है. हमारे ज्यादातर मरीज कोरोना वायरस को हराकर स्वस्थ हो रहे हैं और यह हमारे लिए बेहद अच्छी बात है. अभी भी कुछ मरीज ऐसे हैं जो रिकवर नहीं कर पा रहे हैं उन मरीजों में प्लाज्मा डोनेशन काफी हद तक मददगार साबित होता है. हम लगातार कोविड-19 से स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों से अपील कर रहे हैं कि वह आगे आकर प्लाज्मा डोनेशन करें, ताकि अन्य मरीजों में भी बेहतर इलाज की व्यवस्था की जा सके.
डॉक्टर चंद्रा ने बताया कि प्लाज्मा डोनेशन की खास बात यह होती है कि मैचिंग आरएच फैक्टर के मरीजों में ही प्लाज्मा डोनेशन किया जा सकता है. इस लिहाज से अलग-अलग आरएच फैक्टर के प्लाज्मा कि हमारे पास कमी है. कोविड-19 के संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों में अब भी दोबारा संक्रमण होने का डर है. हम उन्हें लगातार बुलाने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी भ्रांतियां खत्म करने की जुगत में लगे हैं.