लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में गिरते भू-जल स्तर को सुधारने के लिए भू-जल अधिनियम 2020 बनाया गया है. इसके तहत सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है. घरेलू और किसानों को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा. इसके साथ ही सभी निजी, सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को भी अनिवार्य किया गया है.
भू-जल अधिनियम 2020: अब सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य - भूजल अधिनियम 2020
यूपी के लखनऊ में योगी कैबिनेट में गिरते भू-जल स्तर को सुधारने के लिए भू-जल अधिनियम 2020 बनाया गया है. इसके तहत सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है. इस नियम में नियम का उल्लघंन करने पर सजा और दंड का प्रावधान है.
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इसके अलावा ग्रामीण पेयजल विभाग की धनराशि की स्वीकृति के कार्यों में संशोधन किया गया है. जल शक्ति विभाग के बनने के बाद कैबिनेट ने यह फैसला लिया है. अब राज्य पेयजल और स्वच्छता मिशन के निदेशक द्वारा धनराशि स्वीकृत की जाएगी. ग्रामीण पेयजल कार्यों की स्वीकृति राज्य समिति द्वारा की जाएगी. कैबिनेट ने भू-जल स्तर को दूषित करने वालों पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान किया है.
भू-जल स्तर को प्रदूषित करते हुए अगर कोई व्यक्ति पहली बार पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ छह माह से लेकर एक साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही उसे दो से पांच लाख रुपये तक का आर्थिक दंड भी देना होगा. अगर दूसरी बार पकड़ा जाता है तो पांच से 10 लाख रुपये का आर्थिक दंड और दो वर्ष से लेकर पांच वर्ष तक सजा होगी. इसी तरह अगर तीसरी बार व्यक्ति पकड़ा जाता है तो उस पर पांच वर्ष से सात वर्ष तक सजा और 10 से 20 लाख रुपये तक आर्थिक दंड लगेगा.