लखनऊः केंद्र सरकार की चलाई जा रही स्वच्छ भारत मिशन गांव तक पहुंचते-पहुंचते अपना दम तोड़ रही है. कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है मोहनलालगंज विकासखंड के मरूई गांव में. यहां कच्ची सड़कें हैं, विकास कार्य ठप पड़े हैं और जिम्मेदार खामोश हैं. गांव के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले बीस सालों से गांव की सूरत नहीं बदली है.
बीस सालों से नहीं बदली गांव की तस्वीर
राजधानी लखनऊ के कई ऐसे गांव हैं, जहां तक स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ कागजों में ही पहुंच पाया है. ईटीवी भारत ने जब राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले मरूई गांव के लोगों से सूरते हाल जानना चाहा तो उनका कहना था कि पिछले बीस-पच्चीस सालों से गांव की सूरत में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं.