लखनऊः हरी सब्जियों से भी कैंसर हो सकता है, ऐसा किसी ने सोचा भी न होगा. लेकिन इस समय केमिकल वाली बाजार में हरी सब्जियां जो आ रही हैं, वो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है. इसको लेकर केजीएमयू के डॉक्टरों ने पहले भी रिसर्च किया था. हाल ही में बीबीएस के पर्यावरण विज्ञान विभाग के डॉक्टर राणा प्रताप सिंह ने रिसर्च किया. इस शोध में शहर में हर कोने में बिक रही कई सब्जियों में कार्सिनोजेनिक यानि कैंसरकारक पदार्थ की मात्रा स्तर से कई गुना मिली है. कई सब्जियों में लेड स्वीकृत स्तर से 50 गुना मिला है. यहां तक कि पुदीना और हरी मिर्च में भी निकिल, और कैडमियम की मात्रा कई गुना मिली है, जो लोगों की सेहद के लिए बेहद नकसानदेह है.
8 सब्जियों के 294 नमूने
बीबीएयू के पर्यावरण विज्ञान विभाग के डीन डॉक्टर राणा प्रताप सिंह और शोध छात्र प्रदीप कुमार ने शहर में बिक रहीं सब्जियों में खतरनाक रसायनों पर शोध किया है. इससे जुड़ा शोधपत्र इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इन्वॉयरमेंट रिसर्च (आईजीईआर) में बीते दिनों प्रकाशित हुआ था. उन्होंने बताया कि शोध के लिए मंडियों से आठ सब्जियों 294 नमूने लिए गए. फिर लैब में इनकी जांच की गई. स्टडी में दावा किया गया है कि 'जहरीली' सब्जियों के कारण सिर्फ राजधानी में 29 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं. जबकि केजीएमयू के कैंसर विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर गितिका बताती हैं कि अस्पताल पहले भी इस पर शोध कर चुका है. लोगों को यही हिदायत दी जाती है कि सब्जियों को धोकर रखें. स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें. केमिकल वाले पदार्थ आपकी इम्युनिटी पर गहरा प्रभाव डालता है. डॉक्टर बताती है कि लोगों को हमेशा कहा जाता है पौष्टिक आहार लें. खाने में हरी सब्जियों को जरूर शामिल करें. लेकिन अब लोगों को बताते हैं बाजार में बगैर मौसम के कोई सब्जी न लें. जिसे कैमिकल से पकाया जाता है.
डॉक्टर राणा बताते है कि शोध में करीब 8 सब्जियों का सैंपल लिया गया. जिसमें पालक, टमाटर, चुकंदर, करेला, फूलगोभी, पत्तागोभी, पुदीना और हरी मिर्च शामिल हैं. इन सब्जियों को शहर के कई बाजारों से लिया गया. भूतनाथ, मोहनलालगंज, साउथ सिटी, दुबग्गा मंडी के साथ अलग-अलग कॉलोनियों में दुकानों से भी सब्जियां ली गईं.
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