लखनऊ: लखनऊ का ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट अधर में लटका हुआ है. इस प्रोजेक्ट के जरिए लखनऊ को एक सिरे से दूसरे कोने तक एक फोरलेन सड़क से जोड़ा जाना था, मगर शासन ने इस प्रोजेक्ट के लिए धन आवंटित करने से मना कर दिया है. शासन ने स्पष्ट किया है कि एलडीए कॉरिडोर के आस-पास की भूमि अर्जित करें और उससे आय करके प्रोजेक्ट बनाए. इस तरह से परियोजना को चलाना प्राधिकरण के लिए टेढ़ी खीर होगी.
इस योजना में ग्रीन कॉरिडोर 20.70 किमी रूट पर विकास किया जाना है. 817 करोड़ रुपये की लागत से फेज एक का निर्माण होना है. ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के अंतर्गत गोमती नदी के दोनों किनारों पर प्रथम फेज आईआईएम रोड से शहीद पथ तक नया बांध और उसके चौड़ीकरण के साथ ही उसके ऊपर सड़क निर्माण किया जाना है.
परियोजना के कार्यों को शीघ्र प्रारंभ करने के लिए फेज-एक के कार्यों को तीन भागों में विभाजित किया गया था. इनमें आईआईएम रोड से लाल ब्रिज तक, लाल ब्रिज से पिपराघाट तक और पिपराघाट से शहीद पथ तक बांटा गया था. आईआईएम रोड से लाल ब्रिज तक गोमती नदी के दोनों किनारों पर लगभग सात किमी. लम्बा बांध निर्माण/चौड़ीकरण और उसके ऊपर फोरलेन सड़क का निर्माण प्रस्तावित है.
इसके अलावा गऊघाट पर 270 मीटर लम्बाई का पुल, कुड़ियाघाट से लाल ब्रिज तक 1050 मीटर लम्बाई का फ्लाई ओवर और खदरा से लाल ब्रिज तक 660 मी. लम्बाई का फ्लाई ओवर निर्माण प्रस्तावित किया गया है.