उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

योगी सरकार धूमधाम से मनाएगी महाराजा सुहेलदेव की जयंती - birth anniversary of maharaja suheldev

महाराजा सुहेलदेव की जयंती के अवसर पर योगी सरकार भव्य आयोजन की तैयारी में है. 16 फरवरी को जयंती के अवसर पर राज्य के हर जिले में शहीद स्थलों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करके पराक्रम एवं शौर्य के प्रतीक सुहेलदेव को याद किया जाएगा.

महाराजा सुहेलदेव की जयंती
महाराजा सुहेलदेव की जयंती

By

Published : Feb 11, 2021, 1:34 PM IST

लखनऊ : महाराजा सुहेलदेव की जयंती को इस बार योगी सरकार भव्य तरीके से मनाने की तैयारी में है. 16 फरवरी को महाराजा सुहेलदेव की जयंती को लेकर सीएम योगी ने निर्देशित किया है कि जयंती के अवसर पर राज्य के हर जिले में शहीद स्थलों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करके पराक्रम एवं शौर्य के प्रतीक सुहेलदेव को याद किया जाएगा. इस दौरान देशप्रेम की कविताओं पर केन्द्रित कवि गोष्ठियां आयोजित की जाएं और ऐसे सभी कार्यक्रमों से युवाओं को जोड़ा जाएगा.

राष्ट्र की रक्षा के लिए लड़े सुहेलदेव

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव ने अपने शौर्य और पराक्रम से मातृभूमि का मान बढ़ाया है. राष्ट्र की एकता, अखण्डता और अस्मिता से वीर सुहेलदेव ने कभी समझौता नहीं किया. ऐसे देशभक्त की जयन्ती पर कार्यक्रमों का आयोजन लोगों को प्रेरित करेगा.

समय से तैयारी करने के निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव की जयन्ती पर होने वाले कार्यक्रमों में पुलिस बैण्ड की तरफ से राष्ट्रभक्ति की धुनों की प्रस्तुति दी जाए. इन आयोजनों से विद्यार्थियों और युवाओं को विशेष रूप से जोड़ने को कहा है. देशप्रेम की कविताओं पर केन्द्रित कवि गोष्ठियां आयोजित की जाएं. युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जाए. उन्होंने कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिए सभी व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

कौन हैं महाराजा सुहेलदेव

महाराजा सुहेलदेव के बारे में बताया जाता है कि वह यूपी के श्रावस्ती जिले के राजा थे. इन्होंने 11वीं शताब्दी की शुरुआत में बहराइच में गजनवी के सेनापति सैयद सालार मसूद गाजी को पराजित कर उसका वध किया था. 20वीं शताब्दी के बाद से, विभिन्न हिंदू राष्ट्रवादी समूहों ने उन्हें एक हिंदू राजा के रूप में चिह्नित किया है, जिसने मुस्लिम आक्रमणकारियों को हरा दिया. कई लोग उन्हें दलित तो कोई पिछड़ी जाति का बताते हैं. आयोजन के पीछे सरकार की मंशा को उन जातियों को एकजुट करने के रूप में देखा जा रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details