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लखनऊ: एंबुलेंस में ड्राइवर के लिए नहीं GPS सुविधा, कैसे पहुंचेंगे 15 मिनट में मरीज तक

राजधानी लखनऊ में ईटीवी भारत ने एंबुलेंसों में जीपीएस सुविधा का रियलिटी चेक किया, जिसमें यह बात सामने आई कि एंबुलेंस में ड्राइवर के लिए कोई भी जीपीएस की व्यवस्था नहीं होती है, जिससे वह मरीज तक आसानी से पहुंच पाएं.

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Published : Jul 13, 2019, 5:27 PM IST

लखनऊ.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में करीब 4,860 एंबुलेंस काम कर रही हैं, जिनमें से लगभग साढे़ तीन हजार एंबुलेंस में ड्राइवर के लिए कोई भी जीपीएस की सुविधा नहीं है. इस आधुनिक समय में एंबुलेंस को लेकर के सरकार और प्रशासन द्वारा तमाम तरह के दावे और वादे किए जाते हैं, लेकिन ड्राइवर को मरीज तक पहुंचने का रास्ता नहीं पता होने के कारण एंबुलेंस 15 मिनट में नहीं पहुंच पाती है.

जानकारी देते स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. पदमाकर सिंह.
  • बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए यूं तो सरकार समय-समय पर तमाम दावे और वादे करती है.
  • इसके तहत एंबुलेंस को बेहतर करने के लिए हर बार नए प्रयास किए जाते हैं.
  • एंबुलेंस को इस आधुनिक समय में हाईटेक करने की भी बात कही गई.
  • ईटीवी भारत की रियलिटी चेक में यह बात सामने आई कि ड्राइवर के लिए एंबुलेंस में कोई भी जीपीएस की व्यवस्था नहीं होती है, जिससे वह मरीज तक आसानी से पहुंच पाएं.
  • सरकार लगातार एंबुलेंस को 15 मिनट में मरीज तक पहुंचने की बात कहती है, लेकिन हकीकत इसके उलट है.
  • इसके पीछे की तकनीकी दिक्कत जो हमारे सामने आई है, वह यह है कि एंबुलेंस में जीपीएस तो लगा हुआ है, लेकिन वह जीपीएस किसी भी तरह से एंबुलेंस के ड्राइवर की सहायता नहीं करता.
  • एंबुलेंस में लगा हुआ जीपीएस सिर्फ एंब्रोस ट्रैक करने के लिए ही लगा हुआ है, जिससे कॉल सेंटर में बैठे अधिकारी यह देख सकें कि मरीज द्वारा कॉल करने के बाद एंबुलेंस कितनी देर में पहुंची.
  • इस वजह से एंबुलेंस पास होते हुए भी भटकती रहती है.

मामला संज्ञान में है. संबंधित कंपनी से इस बारे में बातचीत भी की जा रही है और ड्राइवर के लिए एंबुलेंस में जीपीएस की व्यवस्था पर भी जो संभव होगा वह प्रयास किया जाएगा.
डॉ. पदमाकर सिंह, स्वास्थ्य महानिदेशक, उत्तर प्रदेश

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