लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को विधानसभा में प्रस्तुत यूपी बजट 2021-22 की सराहना की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख का बजट प्रस्तुत किया है. यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है. यह बजट प्रदेश के समग्र, समावेशी विकास और स्वावलम्बन के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि बजट में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की व्यवस्था सराहनीय है.
किसानों के लिए किया गया ये प्रावधान
प्रस्तुत बजट में किसानों के लिए मुफ्त सिंचाई के लिए 600 करोड़, कृषि उत्पादक संगठनों के लिए 100 करोड़, किसानों को सस्ता ऋण देने के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. साथ ही कृषक बीमा दुर्घटना के लिए 600 करोड़ की व्यवस्था और दो करोड़ चालीस लाख किसानों को डीबीटी के माध्यम से लाभ देने की व्यवस्था की गई है. कहा कि बजट में 5,886 गेहूं केंद्र खोलने की व्यवस्था से किसानों को अपना उत्पाद बेचने में सुविधा होगी. इसी प्रकार बजट में प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के अंतर्गत 40 लाख किसानों को किसान निधि उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है.
हर वर्ग के लिए है बजट में प्रावधान
राज्यपाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत व्यक्तिगत एवं सामूहिक शौचालयों और पाइप पेयजल योजना के लिए 15 हजार करोड़ का प्रावधान है. नगरीय क्षेत्रों में सर्वसुलभ जल आपूर्ति और अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए दो हजार करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है. प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए पोषण अभियान में 415 करोड़, श्रमिक कल्याण के लिए 100 करोड़, प्रधानमंत्री प्रवासी योजना के लिए 100 करोड़, महिला शक्ति केंद्रों के लिए 32 करोड़, महिला सुरक्षा के लिए विशेष अभियान और महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की जाएग. बजट में आरोग्य जल योजना के लिए 22 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जबकि स्वच्छता को प्रोत्साहन देने के लिए 2,031 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है.