लखनऊः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 2 जनवरी से 12 जनवरी तक चलने वाले ‘सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान’ का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि क्षय रोग एक गम्भीर बीमारी है. ये हम सभी के लिए चुनौती बनी हुई है. इसे हराने के लिए हमें सुनियोजित तरीके से कार्य योजना बनानी होगी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और देश को टीबी मुक्त बनाना है. इसके लिए हमें वृद्धाश्रम, नारीगृह, कारागार, मलिन एवं श्रमिक बस्तियां, आंगनवाड़ी केन्द्र तथा प्राथमिक विद्यालयों में क्षय रोग से ग्रसित मरीजों को गंभीरतापूर्वक चिन्हित करना होगा. राज्यपाल ने कहा कि उचित होगा कि इस अभियान से टीबी के साथ-साथ एचआईवी तथा कुपोषित बच्चों को भी जोड़ा जाए.
अधिकारियों द्वारा बच्चों को गोद लेने का काम बहुत ही सराहनीय
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना के समय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा अच्छा कार्य किया गया है. इसका कारण था कि सरकार तथा उसकी टीम के साथ-साथ जनता द्वारा भी सहयोग किया गया. उन्होंने बताया कि वाराणसी में स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से सूची बनाकर कुपोषित एवं क्षय रोग ग्रसित बच्चों को गोद लेकर उसकी देखभाल की गई. ऐसे बच्चों को अनेक अधिकारियों द्वारा गोद लिया गया तथा उचित देखभाल एवं पोषण के कारण अनेक बच्चे स्वस्थ भी हो गए हैं, ये एक बहुत अच्छी पहल है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार से सभी जिलों के अधिकारियों को इस पुनीत कार्य में अपनी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, वे प्रभावित बच्चों तथा उनके माता-पिता से मिलें, संवाद बनाए रखें तथा उनको मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करें. उनके लिए फल, मिठाई आदि लेकर उनके घर जाएं इस प्रकार वे भावनात्मक रूप से जुड़ेंगे और 6-7 माह में अनेक बच्चे टीबी से बाहर निकल जाएंगे.