लखनऊः सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी में राज्य सरकार में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई की ईडब्ल्यूएस कोटे से नियुक्ति और उसके बाद हुए विवाद के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने यूनिवर्सिटी की शैक्षणिक पदों पर होने वाली नियुक्ति में पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए हैं. राज्यपाल ने सिद्धार्थ विश्विविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थ नगर और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ की समीक्षा बैठक कर नियुक्तियों में पारदर्शिता को लेकर सख्त दिशा निर्देश दिए हैं. राज्यपाल ने पंचायती चुनाव में बड़ी संख्या में महिला प्रधान चुनकर आयी हैं. उनमें आत्मविश्वास पैदा करने के लिए और हिचक खत्म करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जाएं. इसके साथ ही सरकार की संचालित कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दें.
राज्यपाल ने दिए ये दिशा निर्देश
उन्होंने नई शिक्षा नीति, विश्वविद्यालयों में अकादमिक सत्र शुरू किये जाने, उपाधियों का समयबद्ध वितरण, शैक्षणिक पदों पर पूर्ण पारदर्शिता के साथ भर्ती कराये जाने को लेकर दिशा निर्देश दिए. इसके साथ ही आडिट आपत्तियों, समयबद्ध निस्तारण, निर्माण कार्यों, महिला सशक्तीकरण क्रिया-कलापों और विश्वविद्यालयों में टीकाकरण के विषयों पर राजभवन से ऑनलाइन विस्तृत विचार विमर्श किया.
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समय सारणी बनाकर शैक्षिक गतिविधियां चलाने के निर्देश
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शैक्षिक सत्र पर चर्चा करते हुये सत्र 2020-21 में चरणबद्ध तरीके से शासन के निर्देशानुसार परीक्षा कराने और अगले साल प्रमोशन देने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आगामी शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिये समय सारणी बनाकर शैक्षिक गतिविधियां चलायें. इसके साथ ही नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु यथाशीघ्र अपने सुझाव प्रेषित करें, ताकि उस पर सार्थक विचार किया जा सके. राज्यपाल ने रिक्त शैक्षणिक पदो पर भर्ती हेतु नई एक समान चयन प्रक्रिया के अनुरूप पूर्ण पारदर्शिता के साथ काम करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हो तो पद दोबारा विज्ञापित किये जायें.